Assam-Meghalaya Border Dispute : गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इस तरह सुलझा 50 साल पुराना सीमा विवाद

 
Assam-Meghalaya Border Dispute : गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इस तरह सुलझा 50 साल पुराना सीमा विवाद
Assam-Meghalaya Border Dispute : असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने मंगलवार को अपने राज्यों के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. [embed]http://twitter.com/AmitShah/status/1508752162998087685[/embed] इस महत्वपूर्ण मौके पर अमित शाह ने कहा कि दशकों पुराने विवाद को खत्म करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है. गृह मंत्रालय कार्यालय में बैठक में मेघालय सरकार के कुल 11 प्रतिनिधि और असम के 9 प्रतिनिधि मौजूद थे. असम और मेघालय दोनों सरकारें अपने राज्य की सीमाओं के साथ, 12 क्षेत्रों में से 6 में सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं। असम और मेघालय 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। समझौते का उद्देश्य छह 'मतभेदों के क्षेत्रों' को हल करना है, जिसमें कुल सीमा का लगभग 70 प्रतिशत शामिल है. असम-मेघालय सीमा विवाद ऊपरी ताराबारी, गज़ांग आरक्षित वन, हाहिम, लंगपीह, बोरदुआर, बोकलापारा, नोंगवाह, मातमूर, खानापारा-पिलंगकाटा, देशदेमोराह ब्लॉक I और ब्लॉक II, खंडुली और रेटचेरा के क्षेत्र हैं. मेघालय को असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 के तहत असम से अलग कर बनाया गया था, एक ऐसा कानून जिसे इसने चुनौती दी थी और जिससे कि विवाद खड़ा हुआ.

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