भारत रत्न सचिन तेंदुलकर: पनामा पेपर लीक्स के बाद गैर कानूनी संपत्ति बेचने में जुट गए थे मास्टर,पेंडोरा पेपर्स में खुलासा
पनामा पेपर्स याद है? दुनिया में बहुत सारे चेहरे को बेनकाब करने का काम किया था पनामा। भारत में भी कई बड़े हस्तियों का नाम आया था। इसमें एक नाम था क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का। यह नाम अब फिर से एक बार सुर्खियों में है टैक्स चोरी के मामले में।
अब एक बार फिर आईसीआईजे (इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स) ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि पनामा पेपर्स में उनका नाम निकलने के बाद भारतीय हस्तियों ने इसका तोड़ निकालना शुरू कर दिया था।
अब इस खुलासे पर विश्वास करें तो भारत रत्न की उपाधि से विभूषित और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पनामा पेपर के खुलासे केबाद टैक्स हेवंस वाली अपनी संपत्ति बेचने में जुट गए थे।
दुनियाभर के 1.19 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बाद इन 'वित्तीय रहस्यों' को मीडिया के द्वारा दुनिया के सामने लाया गया है। ICIJ के अनुसार पैंडोरा पेपर (Pandora Paper) की जांच में 117 देशों के 600 रिपोर्टर जुटे रहे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार अनिल अंबानी जो खुद को ब्रिटेन की कोर्ट में दिवालिया बताते हैं, उनके पास भी विदेश में 18 कंपनियां हैं।
मास्टर- ब्लास्टर का नाम क्यों आया?
PNB से हजारों करोड़ का घोटाला करने वाले हीरा व्यापारी नीरव मोदी की बहन ने उसके भागने के एक महीने पहले ही एक ट्रस्ट बनाया था। इस ट्रस्ट के ज़रिए कुछ भारतीयों ने अपनी संपत्ति को 'रीऑर्गनाइज' करना शुरू कर दिया। इसके मुताबिक क्रिकेट लेजेंड सचिन तेंदुलकर ने भी लीक के तीन महीने बाद ही ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में अपनी संपत्ति बेचने में जुट गए थे।
सचिन की तरफ से क्या कहा गया:
पेंडोरा पेपर्स में नाम सामने आने के बाद सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के डायरेक्टर और सीईओ मृणमय मुखर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जिस भी निवेश की बात हो रही है वह सब टैक्स चुकाने के बाद बचे फंड से किया गया है। साथ ही इनके बारे में टैक्स रिटर्न में भी जानकारी दी गई है।