बिहार उपचुनाव: बिहार में बनिया जाति बीजेपी का साथ क्यों छोड़ रहा है? एक वक्त बीजेपी को बनिया जनता पार्टी कहा जाता था
बिहार विधानसभा के उपचुनाव में जिन दो सीटों पर चुनाव हो रहा है वहां एक बार फिर बीजेपी के कोड़ वोटर बनिया किस ओर करवट लेता है। उस पर सबकी नजर है क्यों कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े स्तर पर बनिया वोटर बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। एक वक्त ऐसा भी था जब बीजेपी को बनिया जनता पार्टी कहा जाता था।
एक बार फिर से उपचुनाव में सुशील मोदी,संजय जयसवाल और तारकेश्वर प्रसाद की प्रतिष्ठा दांव पर है।
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह बताते हैं कि, बिहार विधानसभा के उपचुनाव में जिन दो सीटों पर मतदान हो रहा है। तारापुर और कुशेश्वर स्थान में बीजेपी का कोर वोटर बनिया इंडिया के साथ नहीं है।तारापुर में राजद तो बनिया जाति के उम्मीदवार को टिकट देकर एनडीए को पसीना छुड़ा दिया है।
वहीं कुशेश्वर स्थान विधानसभा में भी जो दो तीन गांव बनिया का है वो दो भागों में बंटा हुआ है ,एक बड़ा हिस्सा राजद के साथ भी है,कुछ कांग्रेस के साथ भी है बिखराव साफ दिख रहा है हालांकि बीजेपी अपने तमाम बड़े बनिया नेता को तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कैप कराये हुए हैं लेकिन बहुत कुछ प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
बीजेपी में बनिया के प्रतिनिधित्व का बात करें तो इतने बड़े पद पर एक साथ इस तरह का प्रतिनिधित्व पहले कभी नहीं मिला प्रदेश अध्यक्ष बनिया ,उप मुख्यमंत्री बनिया ,इसके अलावा दो दो मंत्री प्रमोद कुमार और श्री नारायण के साथ सुशील मोदी फिर भी बनिया क्यों बीजेपी से दूरी बनाने लगे हैं?
वजह है हत्या। बिहार में बनिया के साथ किस तरह की घटनाएं घट रही है आज भी हत्याएं हो रही है,अपहरण हो रहा है ,रंगदारी मांगी जाती है ,लूट हो रही है। लेकिन पुलिस के पास जाइए कोई मदद नहीं मिलता है। ऐसे में बिहार का व्यापारी वर्ग को लग रहा है कि एनडीए के साथ रहने से कोई सुरक्षा नहीं है।