कैप्टन राम सिंह ठाकुर: ठाकुर साहब ने बनाई थीं जन गण मन की धुन, जानिए इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें
दुनिया के रिवाज और परंपरा के अनुसार योद्धा सबको याद रहते हैं सैनिक नहीं। "जन गण मन अधिनायक जय हे" हमारा राष्ट्रगान है और सभी को इसकी धुन प्रिय है।
यह तो सभी जानते हैं कि यह गीत प्रसिद्ध बांगला कवि रविंद्रनाथ टैगोर जी ने लिखा था और इसकी धुन भी उन्होंने ही उस वक्त बनाई थी। पर आज जो धुन लाल किला और राष्ट्रपति भवन में गाया जाता हैं उसको एक महान स्वतंत्रता सेनानी ने बनाया था। इस महान स्वतंत्रता सेनानी का नाम है कैप्टन राम सिंह ठाकुर। वो हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला ज़िले के खनियारा में रहने वाले थे।
उन्हें बचपन से ही संगीत और सेना में जाने का शौक़ था। 14 साल की उम्र में ही वो भारतीय सेना की गोरखा राइफ़ल्स में शामिल हो गए थे। इन्होंने ही INA की प्रसिद्ध धुन" कदम कदम बढ़ाए जा,खुशी के गीत गाए जा यह जिंदगी है कौम की, तू कौम पर लुटाए जा" की रचना की थी।
ठाकुर साहब आज़ाद हिन्द फौज में भी शामिल हुए थे और प्रथम विश्व युद्ध में भाग भी लिया था
यहां यह उल्लेख करना ज़रूरी होगा की जब उन्होंने राष्ट्रगान की वर्तमान धुन तैयार की तो सबसे पहले उन्होंने इसको महात्मा गांधी जी को ही सुनाया था। जो आज सभी भारतीय के जुबान से गाया जाता है।