दत्तात्रेय होसबले चुने गए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नए सरकार्यवाह, बैठक में हुआ निर्णय
Meeting: बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन यानि कि शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosabale) बनाए गए. इससे संघ के कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है. संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से अगले तीन वर्षों के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुना है. आपको बता दें कि उससे पहले वह सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे. संघ में प्रतिनिधि सभा निर्णय लेने वाला विभाग है.
उल्लेखनीय है कि संघ में प्रत्येक तीन वर्षों पर चुनाव की प्रक्रिया अपना कर जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक के साथ साथ सरकार्यवाह का चुनाव किया जाता है. जिसमें ये लोग अपनी टीम की घोषणा करते हैं, जो अगले तीन वर्षों तक काम करती है. क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारकों के दायित्व में बदलाव भी प्रतिनिधि सभा की बैठक में किया जाता है.
यह होती है आरएसएस के सरकार्यवाह को चुनने की प्रकिया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में सरकार्यवाह का पद सबसे जिम्मेदारी वाला और ऊंचा पद होता है. विश्व के सबसे बड़े संगठन के दूसरे प्रमुख पद के लिए जब चुनाव होता है तो कोई प्रचार नहीं किया जाता है यह चुनाव बिल्कुल सामान्य तरीके से होता है. इस चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं. फिर इसमें सभी के फैसले के बाद किसी एक अनुभवी और वरिष्ठ व्यक्ति को चुना जाता है.
आपको बता दें कि इससे पूर्व सुरेश भय्याजी जोशी सरकार्यवाह थे. हालांकि 2018 के चुनाव में भय्याजी ने सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन उनके नेतृत्व में संघ के बढ़ते कामों को देखते हुए संघ ने उन्हें फिर से यह दायित्व दिया था.
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