पाकिस्तान से 10 किलोमीटर दूर “पीएम मोदी” की सुरक्षा में चूक ? महज संयोग या प्रयोग
सुरक्षा में चूक के कारण भारत अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को खो चुका हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फिर बाद में उनके बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या सुरक्षा में चूक के कारण हो गई थी। अब स्वयं पीएम मोदी ने अपनी जान को ख़तरा बताया हैं, जिसकी वजह से पंजाब सरकार के दामन पर यह आरोप लगा हैं की जानबूझकर पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक करवाई। जिसपर पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने सफ़ाई देते हुए कहा की यह सब प्रधानमंत्री मोदी का ड्रामा हैं पीएम की रैली में 700 लोग आए थे, इसलिए वो नाराज़ हो कर वापस चले गए।
अब आपको विस्तार से मामला समझाते हैं, दरअसल हुआ यूँ की प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को बठिंड़ा के एयरफ़ोर्स स्टेशन पहुँचे थे। वहां से उनको हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था, जो पाकिस्तान की सीमा की तरफ था। पंजाब भारत का एक बॉर्डर स्टेट राज्य हैं, जहां वीवीआईपी मूव्मेंट पर इंटेलिजेन्स की खासा नज़र होती हैं। पीएम मोदी शहीद स्मारक तक हेलिकॉप्टर से जाने वाले थे परंतु बुधवार को मौसम खराब होने की वजह से वह 20 मिनट तक वहां पर रुके रहे। मौसम नहीं सुधरने पर पीएम मोदी ने हवाई मार्ग से जाना कैन्सल कर सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया।
पीएम मोदी के क़ाफ़िले लगभग दो घंटे का सफर सड़क से तय करना था। बठिंड़ा एयरफ़ोर्स स्टेशन से शहीद स्मारक लगभग 98 किलोमीटर दूर था। पीएम मोदी के क़ाफ़िले ने लगभग 68 किलोमीटर का सफर तय कर लिया था। दो घंटे के इस सफर में 30 किलोमीटर पहले ही सड़क पर प्रदर्शनकारी मौजूद थे, पीएम मोदी का काफ़िला एक फ़्लाईओवर पर पहुँचा। जैसे ही पीएम मोदी इस फ़्लाइओवर पर आए प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी, जिसकी वजह से पीएम मोदी की सुरक्षा में मौजूद SPG के हाथ-पांव फूलने लगे। क़रीब 20 मिनट तक मोदी का काफ़िला एक फ़्लाईओवर पर रुका रहा।
आपको बता दे की पीएम के रूट की जानकारी SPG और इंटेलिजेन्स एजेंसियों के पास होती हैं। रूट पर क़ाफ़िले के गुजरने से महज 10 मिनट पहले ही राज्य की पुलिस को अवगत कराया जाता हैं। आपातकालीन स्तिथि के लिए पीएम के रूट बनाए जाते हैं, लेकिन सवाल ये हैं की प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने सड़क से हटाया क्यों नहीं। पीएम मोदी के सड़क मार्ग से गुजरने की खबर प्रदर्शनकारियों तक किसने पहुँचाई, पंजाब पुलिस को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कहा गया था, बावजूद इसके प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चुक कैसे हुई? क्या इंटेलिजेन्स एजेन्सीयों ने स्तिथि से अवगत नहीं थी ? एसपीजी ने क़ाफ़िले को इतनी देर तक कैसे रुकने दिया?
आरोप क्या हैं?
1. गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और ट्रेवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। उन्हें इससे जुड़े इंतजाम करने थे, जो नहीं किए गए।
2. गृह मंत्रालय ने कहा कि जब यात्रा मार्ग बदल गया तो पंजाब सरकार को अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती करनी थी ताकि सड़क मार्ग से यात्रा सुरक्षित रहे, लेकिन अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए।
3. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को विफल करने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने हरसंभव कोशिशें कीं।
4. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी इस मामले पर बात करने के लिए फोन पर भी नहीं आए। नड्डा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रूट तक पहुंचने दिया गया, जबकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने एसपीजी को यह आश्वासन दिया था कि यात्रा मार्ग में कोई खलल नहीं है।
हालांकि, इस मामले पर पंजाब के सीएम चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे में कोई सुरक्षा चूक नहीं हुई है। कल रात तक हमने प्रधानमंत्री के दौरे के लिए हुए इंतजामों का जायजा लिया था। उन्हें हेलिकॉप्टर से पहुंचना था, लेकिन ऐन वक्त पर सड़क मार्ग से काफिला रवाना करने का फैसला हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने वापस जाते वक्त बेहद निराश हो कर पंजाब सरकार के अधिकारियों से कहा कि वो अपने सीएम को थैंक्स कहें क्योंकि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया।
आपको बताते चलते हैं इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसी वीडियो आयी हैं, जो बीजेपी के उन दावों को मजबूत करती हैं जिसमें उन्होंने पीएम सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब सरकार, ख़ालिस्थान और पाकिस्तान का हाथ बताया हैं। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो आया हैं, जिसमें बाइक पर सवार युवक ख़ालिस्थान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। हालाँकि की वीडियो की पुष्टि नहीं हुई की वो किस जगह की हैं। इस घटना के बाद बीजेपी अलग-अलग जगह पर पीएम मोदी की लंबी आयु के लिए हवन करवा रही हैं।
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