गांगुली ने मुस्लिम औरतों को बताया बेहाल कहा एक पेट में, एक गोद में, पीछे लाइन में चार पहले से लगे होते है, ट्विटर पर लोगों ने किया ट्रोल
बंगाल से भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद रूपा गांगुली ने मुस्लिम महिलाओं पर एक ऐसा बयान दे दिया। जिस पर वह मुस्लिमो के निशाने पर आ गई है।रूपा गांगुली ने मुस्लिमों की आबादी पर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं एक बच्चा पेट में, एक गोद में और चार बच्चे पीछे लाइन में लिए चलतीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान बहुत शादियां करते हैं और कम उम्र में ही अपने बच्चों की शादी कर देते हैं।
रूपा गांगुली ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि, मुझे लगता है कि इतनी इतनी शादियां क्यों करते हैं मुसलमान लोग? वो सही नहीं है। अपनी एक बीवी का असम्मान कर देते हैं ना…….दूसरी तीसरी शादी करके। ये तो गलत हैं न। और छोटी-छोटी उम्र में बच्चियों की शादी करा देते हैं। और हरेक साल में बच्चा। तो किसका भला हो रहा है? वो मां का भला हो रहा है क्या?’
उन्होंने आगे कहा, बीवी की हालत क्या हो जाती है। इतनी दुबली पतली, यहां एक पेट में, यहां एक कांख में, यहां एक गोदी में, पीछे लाइन में और चार… किसका भला हो रहा है इसमें? एक परिवार में चार बच्चे हो जाएं कोई बात नहीं लेकिन वो खिला पिला सकें, ऐसी हालत होनी चाहिए। गरीब से गरीब लोगो के पास भी….सरकार से सारे फायदे उनको चाहिए। खुद के खाने का ठिकाना नहीं और लाइन से बच्चे किए जा रहे हैं।
भाजपा सांसद इस बयान पर ट्विटर पर लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। कुछ महिला ट्विटर यूज़र रूपा गांगुली के समर्थन में उतर आए।फैयाज नाम के एक यूजर ने एक वीडियो शेयर करते हुए रुपा गांगुली पर निशाना साधा है। वीडियो में एक हिंदू महिला बता रही है कि 14 साल में उनके 18 बच्चे हुए। वीडियो शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, ‘मैडम को ये वीडियो जरूर देखना चाहिए।
फिर इनकी मुस्लिम विरोधी मानसिकता खत्म हो जाएगी। बस एक एजेंडा बना दिया गया है कि मुस्लिम लोग ज्यादा बच्चा पैदा करते है।’ संजय शर्मा नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘आरएसएस और बीजेपी अपने को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर में लोगों का अपमान करते हैं। सच को झूठ बताने में महारत, संकीर्ण सोच, आधुनिक परिवेश से दूर, वैज्ञानिक समझ से दूर हैं ये।’ वहीं रामकुमारी नाम की एक यूजर ने रूपा गांगुली के बयान पर सहमति जताते हुए ट्वीट किया, ‘ये विवादित कैसे हो गया?
जो बात न्यूज चैनल वालों को उठानी चाहिए, उसको उठाने के बजाए आप उसका समर्थन करते हो। ये जनसंख्या वृद्धि दीमक की तरह देश के संसाधन को एक दिन खा जाएगी। नौशाद शेख नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘कलयुग में ऐसा देखा सुना जाएगा, असल मुद्दों से भटकाया जाएगा, लोग घृणित मानसिकता वाले को अपना मसीहा बनाएंगे, बच्चा बेचने वाले लोग संस्कार पर ज्ञान की ज्ञंगा बहाएंगे।
लोगों को आपस में इतना उलझा दिया जाएगा वो असल मुद्दों को भूल जाएंगे। नौशाद के इसी ट्वीट के जवाब में संजय सिंह लिखते है कि “ तुम लोग कबसे कलयुग में विश्वास रखने लगे”। भारत में मुसलमानो कि जनसंख्या की बात करें तो, देश की कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत हिस्सा मुसलमानों का है(2011) के आखड़ो के हिसाब से । वाशिंगटन डीसी स्थित गैर लाभकारी एजेंसी प्यू रिसर्च सेंटर ने सितंबर 2021 में भारत की धार्मिक आबादी पर एक रिपोर्ट तैयार की थी|
जिसमें यह बताया गया कि भारत के सभी धार्मिक समूहों के प्रजनन दर में गिरावट आई है। हालांकि इस रिपोर्ट से यह बात सामने आई कि सभी धार्मिक समूहों के बीच तुलना करें तो मुस्लिम ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में हिंदुओं की आबादी 1952 में 30.4 करोड़ थी जो अब 96.6 करोड़ पहुंच गई है वहीं मुस्लिम आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई है।
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