IAF ने सभी मिग 21 की उड़ान पर लगाई रोक, राजस्थान में हुए हादसे के बाद लिया फैसला

IAF: राजस्थान के ऊपर एक मिग-21 जेट के दुर्घटनाग्रस्त (MIG-21 Crash) होने के दो सप्ताह बाद, भारतीय वायु सेना ने सोवियत मूल के विमानों के पुराने बेड़े की उड़ान पर रोक लगा दी है. एयरफोर्स अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हादसे की वजहों का पता लगने तक मिग विमान उड़ान नहीं भरेंगे. न्यूज़ एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार मिग-21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े की उड़ान (MIG-21 Grounded) को रोक दिया गया है क्योंकि 8 मई की दुर्घटना की जांच अभी भी जारी है और दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है.
बता दें कि फिलहाल एयरफोर्स में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं. हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 एयरक्राफ्ट होते हैं. इस हिसाब से लगभग 50 मिग-21 सर्विस में हैं।. इन्हें 2025 तक रिटायर किया जाना है. इंडियन एयरफोर्स के पास कुल 31 कॉम्बेट स्क्वाड्रन हैंसोवियत मूल के विमान बेड़े को हटाने की योजना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है.
IAF के पास हैं फाइटर के 800 वेरियंट
IAF के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, जिनमें से तीन मिग -21 बाइसन वेरिएंट हैं. MIG-21 को 1960 के दशक में सबसे पहली बार IAF में शामिल किया गया था और फाइटर के 800 वेरिएंट सेवा में हैं. MIG-21 के दुर्घटनाग्रस्त होने की दर हाल के दिनों में चिंता का कारण रही है. IAF उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के साथ LCA मार्क 1A और LCA मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर भी विचार कर रहा है.
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