अगर मैं होता प्रधानमंत्री तो 'जॉब क्रिएशन' पर करता काम: राहुल गांधी

 
अगर मैं होता प्रधानमंत्री तो 'जॉब क्रिएशन' पर करता काम: राहुल गांधी

हार्वर्ड केनेडी स्कूल के अंबेसडर निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो वह विकास दर (ग्रोथ) की बजाय जॉब यानी नौकरियों पर फोकस करते. बतादे, शुक्रवार को निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो विशुद्ध रूप से 'विकास केंद्रित' नीति की तुलना में रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते.

अगर वह प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाते हैं तो वे किन नीतियों को प्राथमिकता देंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा वक्त में अगर हमारी वृद्धि को देखें, तो हमारे विकास और जॉब क्रिएशन के बीच संबंध का प्रकार, वैल्यू एडिशन और उत्पादन के बीच होना चाहिए, ऐसा नहीं है. वैल्यू एडिशन को चीनी लीड करते हैं. मैं ऐसे किसी चीनी नेता से नहीं मिला, जो मुझसे कहता है कि मुझे नौकरियों की समस्या है. अगर मैं इसके ठीक बगल में जॉब नंबर नहीं देखता हूं, मेरे लिए 9 फीसदी आर्थिक विकास का कोई मायने नहीं रह जाता.

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साथ ही कहा, 'मैं केवल विकास-केंद्रित विचार से नौकरी-केंद्रित विचार की ओर बढ़ना चाहूंगा. मैं कहना चाहूंगा कि हमें विकास की जरूरत है, मगर उत्पादन, रोजगार सृजन (जॉब क्रिएशन) और वैल्यू एडिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम सब कुछ करने जा रहे हैं'

भारत के इलाके कब्जा रहा चीन

राहुल ने कहा कि बातचीत की आड़ में चीन भारत के इलाके पर कब्जा जमा रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन भारत को कमजोर और अंदरूनी तौर पर बंटा हुआ देखता है. राहुल ने कहा कि मेरा यकीन है कि साफ रणनीति वाले और मजबूत भारत के लिए चीनी आक्रामकता का मुकाबला करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं होगा. अपने मोबाइल दिखाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दुनिया में प्रोडक्शन की लड़ाई चीन ने जीत ली है. मैं नहीं देखता कि भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर चीन को चुनौती दे रहे हैं.

भारत में पावर एक जगह सिमटकर रह गई है

राहुल ने कहा कि पावर एक जगह सिमटकर रह गया है. सभी फैसले एक जगह से लिए जा रहे हैं. चाहे वह लॉकडाउन का हो गया कृषि कानून पास करने का. भारत जैसे बड़े देश में अचानक लॉकडाउन लगा दिया गया. कैबिनेट में इस पर चर्चा तक नहीं हुई. किसी इंस्टीट्यूशन ने इस पर आपत्ति नहीं जताई. यह दिखाता है कि आप देश को कैसे चलाते हैं. सभी इंस्टीट्यूशन और मीडिया पर कब्जा कर लिया गया है.

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