कर्नाटक सरकार ने 16 फरवरी को एक सर्कुलर जारी कर कहा कि राज्य सरकार के तहत चलने वाले सभी अल्पसंख्यक संस्थानों पर शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक वस्त्र नहीं रखने का उच्च न्यायालय का प्रस्ताव लागू है.
अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ विभाग के सचिव मेजर पी मणिवन्नन ने एक जारी अधिसूचना में कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ का अंतरिम आदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और मौलाना आजाद मॉडल स्कूल (अंग्रेजी माध्यम) के तहत चलने वाले आवासीय स्कूलों पर भी लागू होता है.
आदेश अल्पसंख्यक संस्थानों में हिजाब के उपयोग पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाता है क्योंकि कुछ अल्पसंख्यक संस्थानों में छात्रों के लिए यूनिफॉर्म ही हिजाब है. कर्णाटक सरकार के आदेश के मुताबिक छात्र हिजाब पहनकर कैंपस में आ सकते हैं लेकिन क्लास अटेंड नहीं कर सकते.
Karnataka Minority Welfare Department restrains students of schools under the Dept from wearing saffron shawls, scarfs, hijab, religious flags or similar inside classrooms until further orders pic.twitter.com/xPjfR74Np6
— ANI (@ANI) February 17, 2022
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों को कक्षाओं में हिजाब, स्कार्फ, भगवा शॉल और अन्य धार्मिक प्रतीकों की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया गया है.
आदेश में कहा गया है,”हम राज्य सरकार और उनके सभी हितधारकों से शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने और छात्रों को जल्द से जल्द कक्षाओं में लौटने की अनुमति देने का अनुरोध करते हैं. इन सभी याचिकाओं पर विचार करने के लिए, हम सभी छात्रों को उनके धर्म या आस्था की परवाह किए बिना अगले आदेश तक भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब, धार्मिक झंडे या ऐसे कुछ भी कक्षा के भीतर पहनने से रोकते हैं.
बता दें कि वर्तमान में कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब विवाद मामले की सुनवाई चल रही जबकि कई ज़िलों में धारा 144 लागू हैं. देश के कई शहरों में हिजाब को लेकर मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं.