Maharashtra Elections 2024: मुंबई की वर्ली सीट पर राजनीतिक मुकाबला, प्रमुख राजनीतिक परिवारों के बीच संघर्ष
Maharashtra Elections 2024: मुंबई की प्रतिष्ठित वर्ली सीट पर दो प्रमुख राजनीतिक परिवारों के वारिसों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा हो रही है। राज ठाकरे की पार्टी ने अपने भतीजे आदित्य ठाकरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर यह मुकाबला और भी तेज कर दिया है, जबकि राज ने पहले 2019 के चुनावों में उनका समर्थन किया था।
शिवसेना का ऐतिहासिक दबदबा
वर्ली पिछले 34 वर्षों से शिवसेना का गढ़ रहा है, जिसमें पार्टी ने 1990 से अब तक छह में से सात चुनाव जीते हैं। इस साल के चुनाव कई महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तनों के बाद हो रहे हैं, जिसमें शिवसेना के दो गुटों में विभाजन शामिल है। आदित्य ठाकरे, जो पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पोते हैं, अपनी सीट को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
मिलिंद देवड़ा का मुकाबला
आदित्य ठाकरे का सामना शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के मिलिंद देवड़ा से होगा, जो एक प्रमुख नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। देवड़ा का राजनीतिक अनुभव और क्षेत्र में उनकी मजबूत पहचान आदित्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है।
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राज ठाकरे का रणनीतिक कदम
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी संदीप देशपांडे को उम्मीदवार बनाकर चुनाव में प्रवेश किया है, जिससे वर्ली में महत्वपूर्ण मराठी वोटरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। यह कदम चुनावी गतिशीलता में एक और परत जोड़ता है, जहां तीन पार्टियाँ ऐतिहासिक रूप से शिवसेना-प्रधान क्षेत्र में सत्ता के लिए मुकाबला कर रही हैं।
राजनीतिक परिदृश्य
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वर्ली विधानसभा क्षेत्र त्रिकोणीय मुकाबले के लिए तैयार है, जो महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में व्यापक बदलाव को दर्शाता है। मतदाताओं को स्थापित पारिवारिक विरासत और उभरते राजनीतिक गुटों के बीच अपनी वफादारी का चुनाव करना होगा, जिससे यह चुनाव क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बन जाएगा।
इस मुकाबले का परिणाम ठाकरे परिवार और शिवसेना के महाराष्ट्र राजनीति में पकड़ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। जैसे-जैसे चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ती है, सभी की नजरें वर्ली सीट पर होंगी।