क्रिकेट के बाद कांग्रेस में फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू
पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने में सिद्धू का हाथ बताया जा रहा है और अब नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि जो सिद्धू को और सिद्धू के इतिहास को जानते हैं उनके लिए यह बात हैरान करने वाला नहीं है। 1987 में अखबार में सिद्धू के नाम पर एक आर्टिकल निकला था। वह आर्टिकल आज भी सिद्धू के कमरे में टंगा हुआ हैं।
सिद्धू ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। वे लगातार 2 मैचों में फ्लॉप रहे जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। फिर 1987 के वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने के लिए लगातार पांच अर्धशतक लगाकर तब का रेकॉर्ड बनाया। सिद्धू ने उस वर्ल्ड कप में 10 छक्के लगाए।
पत्नी नवजोत कौर के अनुसार सिद्धू जो कॉमेंट्री और टीवी पर अपनी हाजिर जवाबी और कई बार बड़बोलेपन की वजह से चर्चा में रहते हैं, वह कभी बेहद शांत हुआ करते थे। जब क्रिकेट खेल रहे थे तो अजरूद्दीन से उनकी लड़ाई बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध फिर सिद्धू इसके बाद टीवी कॉमेंट्री में पहुंचे। यहां इंग्लैंड के मशहूर बल्लेबाज जेफ्री बॉयकॉट के साथ उनका विवाद काफी चर्चित रहा।
इसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया। शुरुआत में अमृतसर से सांसद रहे। हालांकि जब पार्टी ने उस सीट से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को उतारने का फैसला किया तो सिद्धू ने बगावती रुख अपनाया। नतीजन, पार्टी से बाहर का रास्ता। फिर कांग्रेस का हाथ थामें।
पाकिस्तान जाकर वहां के सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा के गले लगने को लेकर सिद्धू की खूब आलोचना हुई। क्रिकेट में छक्के मारने वाले सिद्धू यहां आउट हो गए। अंततः कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। कप्तान से उनकी क्रिकेट में भी नहीं बनी थी और राजनीति में भी। वह मिस हिट कर गए हैं यह तो वक्त ही बताएगा।