New Parliament: आखिर क्यों है नए संसद का तिकोना आकार, जाने इसके पीछे की बड़ी वजह

 
New Parliament: आखिर क्यों है नए संसद का तिकोना आकार, जाने इसके पीछे की बड़ी वहज 

New Parliament: संसद का विशेष सत्र चल रहा है और मंगलवार जाने की आज की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी, इससे पहले 28 में 2023 को इस नए संसद भवन का उद्घाटन भी किया गया था। बेहद भव्य और त्रिभुजाकार बने इस नए संसद भवन में कई विशेषताओं के साथ इसमें कलाकृतियों का समागम भी है। इसके साथ ही आपको बता दे 971 करोड रुपए की लागत से बनी यह बिल्डिंग भारत की प्रगति का प्रतीक है। और यह सेंट्रल विस्टा पूर्ण विकास परियोजना का हिस्सा भी है। बता दे कि पुराने संसद भवन को अगर देखे तो यह गोलाकार आकार का है। लेकिन नया संसद भवन तिकोना आकार का है अब ऐसा क्यों है। इसके पीछे क्या कारण छुपा हुआ है इसके त्रिकोणीय होने के पीछे वैदिक संस्कृति और तंत्र शास्त्र से गहरा नाता है तो लिए इसके बारे में आपको पूरी जानकारी देते हैं। 

तीन भूखंडों पर स्थित है नई संसद

आपको बता दे की नई संसद में पुराने की अपेक्षा सुविधा की अधिक से ज्यादा अधिक दी गई है, इसके साथ ही लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर तैयार भी किया गया है। और इसमें 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी अच्छी खासी की गई है। जबकि राज्यसभा को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर तैयार किया गया था। और इसमें 348 सदस्यों के बेटे की व्यवस्था थी। अगर संयुक्त सत्र होगा तो इस नए संसद भवन में 1272 सदस्यों के बैठने की अच्छी खासी व्यवस्था है। 

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त्रिभुजाकार होने का महत्व

बता दे की एक रिपोर्ट के अनुसार नए संसद भवन के बारे में अगर हम आपको कुछ बातें बताएं तो नहीं संसद के आर्किटेक्ट विमल पटेल ने किया था इसके साथ ही नया संसद भवन त्रिभुज के आकार में डिजाइन किया गया है। इसके आकार का संबंध वैदिक संस्कृति और तंत्र शास्त्र से जुड़ा हुआ है। साथी सबसे पहले अगर हम आपको बताएं तो त्रिकोणीय भूखंड पर यह स्थित है जिसके तीन हिस्से हैं लोकसभा राज्यसभा और एक सेंट्रल लाउंज है।  बता दे त्रिकोणीय जाकर देश के अलग-अलग धर्म और संस्कृतियों में पवित्र ज्यामिति का प्रतीक है, उन्होंने इसके साथ ही आगे कहा इसका धार्मिक महत्व भी है। हमारे कई पवित्र ग में त्रिभुज के आकार का महत्व है श्रीयंत भी तिकोने आकार का है। और तीन देवता या त्रिदेव ब्रह्मा विष्णु महेश भी त्रिभुज के प्रतीक है इसलिए तिकोनी आकार का नया संसद भवन बेहद ही पवित्र और शुभ है। 

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