नोवावैक्स वैक्सीन: कोरोना के खिलाफ एक और असरदार टीका हुआ तैयार, जानें कितनी कारगर
कोविड-19 के खिलाफ एक और टीका तैयार हो गया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ कारगर है. बतादें अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स की बनाई वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आ गए हैं. कंपनी ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह काफी असरदार साबित हुई है. वैक्सीन ने माइल्ड, मॉडरेट और सीवर डिजीज में 90.4% फाइनल एफिकेसी दिखाई है. ये सभी ट्रायल ब्रिटेन में किए गए हैं.
हालांकि अमेरिका में नोवावैक्स को फिलहाल मंजूरी मिलना मुश्किल है. वहां के नियम घरेलू जरूरत को पूरा करने के बाद किसी और टीके को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी से रोकते हैं. ऐसे में यह वैक्सीन भारत में प्रमुखता से उपलब्ध हो सकती है.
भारत में सीरम इंस्टिट्यूट करेगा टीके का निर्माण
बता दें कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्स की मैनुफैक्चरिंग की भी पार्टनर होगी. नोवावैक्स ने कहा कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तबतक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी. नोवावैक्स के मुख्य कार्यपालक स्टेनली एर्क ने एपी से कहा, “ हमारी शुरूआती कई खुराकें निम्न और मध्य आय वाले देशों में जाएंगी.”
इस साल आ सकती हैं 20 करोड़ डोज
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में नोवावैक्स के चीफ एक्जीक्यूटिव स्टैनले अर्क के हवाले से कहा गया है कि वैक्सीन को पहले विदेश में मंजूरी मिलने की संभावना है. कंपनी ने यूनाइटेड किंगडम, यूरोपियन यूनियन, कोरिया और भारत में अप्लाई किया है. भारत सरकार का अनुमान है कि सितंबर-दिसंबर के बीच नोवावैक्स की 20 करोड़ डोज उपलब्ध हो सकेंगी.
नोवावैक्स की वैक्सीन का भारत में नाम 'कोवावैक्स' होगा. फिलहाल SII इस वैक्सीन का 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर ट्रायल कर रही है. SII बच्चों पर भी ट्रायल करना चाहती है. जिस तरह की संभावनाएं बन रही हैं, ऐसे में नोवावैक्स की वैक्सीन को सबसे पहले भारत में इमर्जेंसी अप्रूवल मिल सकता है.
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