अब गरारा करके ही पता चल जाएगा कोरोना संक्रमण, ICMR ने दी मंजूरी
कोरोना के नए मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है. अब कोरोना मरीजों में रिकवरी का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों ने भी अब तक हार नहीं मानी है वह आयेदिन कोविड को मात देने के नया हथियार लाने की जदोजहद में हैं.
लेकिन कही ना कहीं भारतीय वैज्ञानिकों की ये मेहनत रंग भी ला रही है. दर्सल अब भारतीय वैज्ञानिकों ने गरारा बेस्ड आरटी-पीसीआर टेस्ट विकसित किया है, जिसके नतीजे सिर्फ 3 घंटे में आ जाते हैं.
बता दें कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने एक ऐसी तकनीक बनाई है, जिसकी मदद से सिर्फ तीन घंटे में ही पता चल सकेगा कि आपको कोरोना है या फिर नहीं.
इसमें गरारा करके कोरोना के बारे में पता लगाया जा सकेगा. वहीं आईसीएमआर ने भी इस तकनीक को मंजूरी दे दी है. हालांकि इसकी खासियत यह है कि इस टेस्ट में स्वैब का कलेक्शन लेना जरूरी नहीं होगा. इसमें एक ट्यूब होगी, जिसमें सलाइन होगा.
लोगों को कोरोना की जांच के लिए इस सलाइन को मुंह में डालने और फिर 15 सेकंड तक गरारा करने की जरूरत होगी. जब शख्स गरारा कर लेगा फिर उसे ट्यूब में थूकना होगा और टेस्टिंग के लिए दे देना होगा.
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस तकनीकी को बेहतरीन बताया है. उन्होंने कहा कि इस तकनीकी से कोरोना की जांच में तेजी आएगी. बिना स्वाब के किए जाने वाला कोरोना का यह टेस्ट गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
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