शर्मनाक: भारत में किसानों और मजदूरों के आत्महत्या का आंकड़ा देख कर रोना आएगा
भारत में लगभग 1 साल से किसान प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। अभी तक सरकार के साथ हुए सारी बैठक विफल रही है। मसला जो भी हो लेकिन इस देश में पहले की तुलना में किसानों के आत्महत्या के मामले में बढ़ोतरी शर्मनाक है।
भारत में आत्महत्या पर NCRB की नई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। यहां चौंकाने का मकसद खुशी से नहीं बल्कि शर्मनाक से है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2020 में 2019 की अपेक्षा किसानों और कृषि मजदूर की आत्महत्या के मामले 18 फीसदी बढ़ गए।
2020के आंकड़े को देखा जाए तो भारत में 5,579 किसान और 5,098 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है।
कृषि क्षेत्र में 10,677 लोगों की आत्महत्या की जो देश में कुल आत्महत्याओं (1,53,052) का 7% है। वहीं वर्ष 2019 में 10,281 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने। जिनमें 5,957 किसान और 4,324 कृषि मजदूर भी शामिल थे।
राज्यों की संख्या देखी जाए तो पहले नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 4006 किसानों ने आत्महत्या की है उसके बाद 2016 कर्नाटक में और 889 आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में 735 किसानों ने आत्महत्या की है।
2020 में सुसाइड करने वाले 5,579 किसानों में से 5,335 पुरुष थे और 244 महिलाएं थीं, जबकि सुसाइड करने वाले 5,098 कृषि मजदूरों में 4621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं।