सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ को दी क्लीन चिट, देशद्रोह का मुकदमा हुआ रद्द
देशद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ (Vinod Dua) क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश में कराए गए मुकदमे को रद्द कर दिया है. वहीं अदालत ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकार है. हालांकि अदालत ने विनोट दुआ के खिलाफ चल रही जांच को जारी रखने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने FIR दर्ज कराई गई थी. जिसमें विनोद दुआ पर अपने यूट्यूब (You Tube) शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने की खातिर ‘मौत और आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे. जिसके बाद अदालत ने पिछले साल सुनवाई करते हुए विनोद दुआ को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया था.
इसके बाद विनोद दुआ ने याचिका में हिमाचल प्रदेश के शिमला में दर्ज किए गए उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले को रद करने की मांग की थी. फिर जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने छह अक्टूबर 2020 को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद 20 जुलाई को शीर्ष अदालत ने विनोद दुआ को कोई भी दंडात्मक कार्रवाई से प्रदत्त संरक्षण की अवधि अगले आदेश तक के लिए आगे बढ़ा दी थी.
बीजेपी के नेता ने दर्ज कराई थी एफआइआर
बीजपी नेता ने दर्ज कारई एफआइआर में कहा था कि विनोद दुआ ने अपने यूट्यूब के कार्यक्रम ‘द विनोद दुआ शो’ में विवादित शब्द बोले थे जिससे वह सांप्रदायिक घृणा को भड़का सकते थे. हालांकि अदालत के दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुना दिया है. जिसमें विनोद दुआ को देशद्रोह के आरोप से बरी कर दिया गया है.
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