5 दिन पहले ही दोबारा खुला केबल ब्रिज निगल गया 60 लोगों की जिंदगियां, पढ़िए काल बने पुल की हिस्ट्री
Gujarat Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में आज केबल पुल टूटने से ऐसा हादसा हुआ है जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया है क्योंकि हादसे में यह पुल 60 लोगों की जिंदगियां ऐसे ही निगल गया. जबकि पांच दिन पहले यानि 25 अक्टूबर को ही इस पुल को दोबारा से जनता के लिए खोला गया था और आज यानि 30 अक्टूबर को पुल टूटने से कई लोगों के घर बिखर गए और चारो और मातम सा पसर गया. वहीं आज हम आपको इस पुल की हिस्ट्री के बारे में बताएंगे कि सबसे पहले कब इसका निर्माण किया गया था और अब तक कितना पैसा इस पर खर्च हो चुका है...
केबल पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था, जिसका उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. इस समय इस पुल को बनाने में लगभग 3.5 लाख रुपये की लागत आई थी. जबकि इस पुल का निर्माण कराने के लिए सारा सामान ब्रिटिश से मंगवाया गया था. इसके बाद भी पुल की काफी बार मरम्मत कराई गई थी और भी पैसा लगाया गया था.
पुल की मरम्मत होने में दो करोड़ का आया था खर्चा
वहीं पिछले छह महीने से इस पुल को जनता के लिए बंद कर के रखा गया है क्योंकि इसकी मरम्मत का कार्य चल रहा था. जिसमें करीब दो करोड़ का खर्चा भी आया है फिर भी यह पुल पब्लिक का लोड नहीं झेल सका और बिना ट्रायल के ही इसे 25 अक्टूबर को यानि दिवाली के अगले ही दिन जनका के लिए दोबारा से खोल दिया गया और पांच दिन के अंदर ही इतना बड़ा हादसा हो गया जिसे लोग कभी भी नहीं भूल सकते हैं.
वजन नहीं झेल पाया पुल
वहीं जानकारी के अनुसार इस पुल की क्षमता करीबन 100 लोगों का वजन झेलने लेकिन आज रविवार होने के चलते इस पुल पर करीबन 400 से 500 लोग उस समय थे जिस समय ये दर्दनाक हादसा हुआ है. यानि कि पुल वजह न झेलने के कारण एकदम से टूट गया और लोग नदी में गिर गए, जिससे इतने सारे लोगों की जान चली गई. बता दें कि वर्तमान में ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप के पास है, इस ग्रुप ने 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है.
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