सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार को दी क्लीनचिट, कहा-'ये फैसला सही है', पढ़ें पूरा वाद-विवाद

 
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार को दी क्लीनचिट, कहा-'ये फैसला सही है', पढ़ें पूरा वाद-विवाद

2016 में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने आज यानि सोमवार को क्लीनचिट दे दी है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी पर केंद्र सरकार का फैसला सही है और इस आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता है'. फिर आखिरी में कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी के फैसले में कोई गड़बड़ी नजर नहीं आती है. यह कहते हुए अदालत ने सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

वहीं न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई की है. देखा जाए तो इस फैसले को 4 जजों का बहुमत प्राप्त हुआ है हालांकि न्यायमूर्ति नागरत्ना फैसले के खिलाफ थीं. दरअसल, पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सात दिसंबर को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड कोर्ट के समक्ष पेश करें.

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केंद्र ने कार्ट को इस तरह दिया जवाब

केंद्र ने अपनी याचिकाओं कार्ट को जवाब देते हुए कहा कि जाली नोटों, बेहिसाब धन और आतंकवाद जैसी गतिविधियों से लड़ने के लिए नोटबंदी का कदम उठाना पड़ा. नोटबंदी को अन्य सभी संबंधित आर्थिक नीतिगत उपायों से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए.

फिर आगे अपनी याचिका में उन्होंने लिखा कि आर्थिक व्यवस्था को पहुंचे बहुत बड़े लाभ और लोगों को एक बार हुई तकलीफ की तुलना नहीं की जा सकती है. नोटबंदी ने नकली करंसी को सिस्टम से काफी हद तक बाहर कर दिया. नोटबंदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा है.

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