यूपी के नए डीजीपी मुकुल को मिल चुका है वीरता पदक पुरस्कार, सपा सरकार में लगा था यह आरोप
उत्तर प्रदेश के लिए नए डीजीपी (DGP) मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को चुना गया है. इस बात की घोषणा बुधवार शाम को हुई है. मुकुल गोयल अब तक यूपी के कई शहरों में कार्यरत रह चुके हैं, जिसके लिए उन्हें एक बार राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक पुरस्कार भी मिल चुका है. वहीं सपा सरकार में मुुकुल गोयल पर पुलिस भर्ती घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. फिर ऐंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में उन पर लगे सभी आरोप गलत पाए गए थे. आइए बताते हैं कि मुकुल गोयल इससे पहले कहां पर कार्यरत थे...
भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद मुकुल गोयल नैनीताल में एएसपी के पद पर कार्यरत रहे थे. फिर उन्हें बरेली का एसपी सिटी बनाया गया. इसके बाद मुकुल गोयल अमरोहा, जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ में पुलिस कप्तान के पद पर कार्यरत रहे. फिर उन्हें डीआईजी का पद मिला तो वह कानपुर, आगरा, बरेली के डीआईजी रेंज रहे.
2020 में मिला केंद्रीय गृह मंत्री के अति उत्कृष्ट सेवा पदक
गौरतलब है कि साल 2003 में मुकुल गोयल को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया गया था. इसके बाद उन्हें दीर्घ और सराहनीय सेवा देने के लिए पुलिस पदक से भी नवाजा गया था. फिर साल 2012 में मुकुल गोयल को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिला था. इसके बाद साल 2020 में उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री के अति उत्कृष्ट सेवा पदक प्राप्त हुआ था.
वहीं सपा सरकार के कार्यकाल में मुकुल गोयल पर साल 2004 से 2006 में हुए पुलिस भर्ती घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद मामले की जांच ती गई. यह जांच ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने की तो पता चला कि उन पर लगे आरोप गलत हैं. फिर उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी.
ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय महिला आयोग ने अश्लील सामग्री को लेकर कहा ‘Twitter पर एक सप्ताह में हो कार्रवाई’