आगरा में बैंक मैनेजर का मर्डर, घर में रखी थी लाश! खुलासे के बाद पत्नी हुई लापता, जानें मर्डर मिस्ट्री

UP NEWS: उत्तर प्रदेश के आगरा के ताजगंज के रामरघु एग्जॉटिका के बैंक मैनेजर 'सचिन उपाध्याय हत्याकांड' में कई चौंकाने वाले राज़ सामने आ रहे हैं। हत्या की आरोपी कोई और नहीं, उसकी पत्नी है। पत्नी ने 17 घंटे तक सचिन की लाश को छुपाकर रखा था।यही नहीं, किसी खबर कामवाली बाई को भी नहीं लग पाई, जबकि वो घर आकर खाना बनाकर चली गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि सचिन की हत्या 11 अक्टूबर की रात को हुई थी, जबकि इसका पता अगले दिन शाम 5 बजे हुआ।
बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय मर्डर मिस्ट्री
आगरा में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय हत्याकांड में नए खुलासे हुए हैं। इस हत्याकांड में सचिन की पत्नी और ससुर नामदज हैं। दोनों फरार हैं। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि सचिन की हत्या के बाद पत्नी प्रियंका ने कामवाली से कढ़ी-चावल और 16 रोटियां बनवाई थीं। ऐसा इसलिए किया था, ताकि किसी को शक न हो। नौकरानी को इसकी भनक तक नहीं लगी।सचिन की हत्या के बाद प्रियंका ने लाश को कमरे में छुपाकर रख दिया था। पड़ोसियों को गुमराह करने प्रियंका ने जानबूझकर 12 अक्टूबर की सुबह करीब 11 बजे पड़ोसी के फोन से अपने पिता से बात की। प्रियंका के पिता बिजेंद्र रावत कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
प्रियंका ने पड़ोसियों से कहा था कि उसके फोन की स्क्रीन टूट गई है, इसलिए पिता से बात करनी है। उसने पड़ोसी के फोन से अपने पिता से दो बार बात की थी।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सचिन की बॉडी पर चोट और जलने के निशान हैं। गले पर भी निशान मिले। पुलिस को सचिन के सुसाइड की सूचना दी गई थी। सचिन के पिता की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज करके जांच शुरू की थी। पुलिस को मामला पहले ही संदिग्ध लगा था। इस मामले में प्रियंका का भाई कृष्णा रावत भी नामजद है। उसे पकड़कर जेल भेज दिया गया है।पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सचिन की हत्या 11 अक्टूबर की रात की गई थी। अगले दिन शाम करीब 5 बजे किसी ने सचिन के सुसाइड की सूचना दी।
परिजनों ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया
सचिन के परिजनों ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि अगर इलाके में CCTV न होते, तो शायद लाश को गायब तक कर दिया जाता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि सचिन उपाध्याय की हत्या गला दबाकर की गई। इससे पहले उसे प्रेस से जलाया भी गया। हालांकि पुलिस हत्या के पीछे की वजह तक नहीं पहुंच पाई है। सचिन के यहां मुन्नी और रजनी नाम की दो घरेलू सहायिकाएं काम करती हैं। लेकिन उन्हें घटना की भनक तक नहीं लगी।
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