महिलाओं की इज्जत लूटते समय भोजपुरी में गाली दी जाती थी, पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया अजीबोगरीब बयान
भारत देश में भाषा को लेकर कई आंदोलन हुए हैं तो कई बार विवाद भी पैदा हुआ है। भाषा को लेकर राज्य बनाने की मांग भारत की परंपरा में पुरानी मांग है। बाल ठाकरे से लेकर पेरियार जैसे नेता को उसकी पहचान उनकी भाषा ने ही दिलाई है।
आज एक बार फिर झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही को लेकर विवादित बयान दे दिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोगों को dominating बताया हैं।
हेमंत सोरेन कहते हैं कि भोजपुरी-मगही झारखंड की भाषाएँ नहीं हैं।झारखंड का बिहारीकरण क्यों हो। झारखंड आंदोलनकारियों की छाती पर पैर रख कर महिलाओं की इज्जत लूटते समय भोजपुरी में गाली दी जाती थी। झारखंड आंदोलन की जंग आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर जंग लड़ी गई थी, ना कि भोजपुरी और मगही भाषा की बदौलत।
इस बयान के बाद news24 के वरिष्ठ पत्रकार मनोज झा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कुछ सवाल पूछते हैं कि, झारखण्ड आंदोलन के दौरान भोजपुरी बोल कर दी गयी गाली का बदला तो आप ले रहे हैं लेकिन आंदोलन को कुचलने के दौरान कांग्रेस या RJD ही बिहार में सत्तारूढ़ था। तो फिर उनके ही साथ मिलकर आप सरकार क्यों चला रहे हैं? हेमंत सोरेन जी, भोजपुरी-मगही से तो आपने बदला ले लिया लेकिन आरजेडी और कांग्रेस से प्रतिशोध की जगह इतना प्यार क्यों ?
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