कौन हैं Bageshwar Dham के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री? जानें क्या है इनका राज
Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम सरकार स्थित है. यह बागेश्वर धाम मंदिर सालों पुराना है. महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के नाम से फेमस हैं. उनके चमत्कारी वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. बागेश्वर दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी अर्जी लेकर पहुंचते हैं.
आजकल महाराज धीरेन्द्र शास्त्री खूब चर्चा में हैं. दरअसल पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर में कथा बीच में छोड़कर भागने का आरोप है. नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने आरोप लगाया है कि वो देश में अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं. उनके पास सिद्धी नहीं है बल्कि वो लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. बीते 17 जनवरी से रायपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज राम कथा करने पहुंचे हैं.
Bageshwar Dham के महाराज ने आरोपों पर क्या दी प्रतिक्रिया
नागपुर में कथा कर बागेश्वरधाम लौटे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ''हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार. हम सालों से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरू हैं. हम बगेश्वरधाम सरकार बालाजी के सेवक हैं. हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे. हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहे हैं. मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं.''
उन्होंने आगे कहा कि ''वह किसी की चुनौती से नहीं वापस आए हैं, उन्हें किसी के भी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. हम 7 दिन की ही कथा करते हैं. मैं चुनौती स्वीकार करता हूं, जिसे चमत्कार देखना है वो बागेश्वर दरबार में आए. उन्होंने कहा, 'श्याम यहां रायपुर आए, टिकट का खर्च मैं दूंगा.'
करीब एक हफ्ते की चुप्पी के बाद शास्त्री ने इसपर कहा कि ''मैं नागपुर से नहीं भागा. यह सरासर झूठी बात है. हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन का ही कार्यक्रम होगा. इसके बाद उन्होंने कहा कि जब मैंने दिव्य दरबार लगाया था तब शिकायत लेकर क्यों नहीं आए? ये छोटी मानसिकता के लोग हैं और हिंदू सनातन के विरोधी हैं.''
कौन हैं महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में 1996 में हुआ था. वह दो भाई और एक बहन हैं. भाई छोटा है, जिनका नाम सालिग राम गर्ग उर्फ सौरभ है. बहन का नाम रीता गर्ग है. पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज है. गौरतलब है कि माता सरोज महाराज को प्यार से घर में धीरू बुलाती हैं.
धीरेंद्र गर्ग का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था और उनके पिता गांव में पुरोहित गिरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. बंटवारा होने के बाद महाराज के परिवार पर आर्थिक संकट छा गया. वह लगातार गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनाने लगे और कथाओं में वह धीरे-धीरे इतने प्रखर होते गए कि उन्होंने साल 2009 में अपनी पहली भागवत कथा पास के ही गांव पहरा के खुडन में सुनाई.
श्री बाला जी महाराज के मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि भी है. इसी स्थान पर धीरेंद्र गर्ग ने कई बार भागवत कथा का आयोजन किया. अपने धार्मिक ज्ञान से लोगों को जोड़ना शुरू किया तो भक्त बढ़ने लगे. बागेश्वर का यह मंदिर बागेश्वर धाम कहलाने लगा. यहीं से शुरू हुआ धीरू के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहलाने का सफ़र.
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