अंबेडकर ने भारतीय वामपंथ को "Bunch of Brahmin Boys" क्यों कहा?
अम्बेडकर जिसने गांधी के ख़िलाफ़ लिखा, जिसने इस्लाम की बुराई लिखीं। पूरे जिंदगी हिंदू धर्म के नियम का विरोध किया। अम्बेडकर ने सबपर लिखा और लगभग हर गलत के ख़िलाफ़ लिखा और ये भी लिखा कि भारतीय वामपंथ "Bunch of Brahmin Boys" हैं।
आज अंबेडकर का उपयोग सब करता है। हम पंचायत के चुनाव से लेकर प्रधानमंत्री के चुनाव तक। चुनाव प्रचार में आपको तख़्तियों और पोस्टरों पर अम्बेडकर मिल जाएंगे। अम्बेडकर को वोट-मेकर बना दिया गया है।
•भारतीय वामपंथ को "Bunch of Brahmin Boys" क्यों कहा?
जब आप भारत में वामपंथ के इतिहास को देखिएगा तो आपको पता चलेगा भारतीय वामपंथ का सबसे बड़ा चेहरा किस जाति से आता है? चारू मजूमदार और कानू सान्याल दोनों जाति से ब्राह्मण थे और भारत में वामपंथ के संस्थापक भी।
इन दोनों की लड़ाई तो जमींदारों के खिलाफ थी लेकिन जब जमींदारों के खिलाफ वामपंथ का आंदोलन उग्र हो गया तो भारत में जमींदार ही वामपंथ में शामिल होकर वामपंथियों का झंडा उठा लिए थे।
राज्य और देश के जितने भी बड़े पद पर वामपंथी पहुंचे हैं वह ब्राह्मण जाति से हो या बनिया। किसी दूसरे जाति को उतना प्रतिनिधित्व ब्राह्मण और बनिया के अनुरूप नहीं मिला। इसलिए अंबेडकर वामपंथ को घास में छुपा सांप बताते थे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.