Parakram Diwas 2023: सुभाष चंद्र बोस को क्यों कहा जाता है 'नेता जी'? इसलिए मिली है ये उपाधि

Parakram Diwas 2023: 1947 में हुई भारत की आजादी में सुभाष चंद्र बोस का बहुत बड़ा सहयोग रहा है. इस वजह से महान स्वतंत्रता सेनानियों में उनकी गिनती की जाती है. वहीं अब 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 126वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा. लेकिन उससे आपको बता दें कि सुभाष चंद्र बोस को 'नेता जी' क्यों कहा जाता है? ये उपाधि उन्हें कहां से प्राप्त हुई है तो चलिए जानते हैं...
दरअसल, साल 1921 में सुभाष चंद्र बोस इंग्लैंड में रहकर प्रशासनिक सेवा की नौकरी कर रहे थे तभी उन्होंने अंग्रेजों द्वारा भारत में किए जाने शोषण के बारे पढ़ा, जिसके बाद सुभाष चंद्र ने अपने देश भारत को आजाद कराने का प्रण लिया. फिर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और वह अपने देश वापस आ गए और आजादी के लिए लड़ने लगे. इस दौरान ही उन्होंने नारा दिया ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा', जो कि आज भी फेमस हैं.
पहली बार ‘नेताजी’ कहकर बुलाया था सुभाष चंद्र बोस
इसके बाद जर्मन के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने सुभाष चंद्र बोस को सबसे पहली बार ‘नेताजी’ कहकर बुलाया था, जिसके बाद से वह इस नाम से ही चर्चित हो गए. जबकि कहा जाता है कि देश नायक की उपाधि सुभाष चंद्र बोस को रवीन्द्रनाथ टैगोर से मिली थी. हालाकंकि नेताजी सुषाभ चंद्र बोस को देश नायक भी कहा जाता है.
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