कोविड -19 पाचन तंत्र को भी कर रहा प्रभावित, जानें कैसे?
देश में कोरोना महामारी की स्थिति में बद से बदतर होती जा रही है. मरीज अस्पताल बेड, मेडिकल ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य चिकित्सा संसाधनों की परेशानी से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि डॉक्टर COVID-19 रोगियों को अस्पताल में आने के बजाय होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहे हैं.
शरीर के दूसरे हिस्से हो रहे प्रभावित
COVID-19 के बाद की बात करें, तो रोगी को कमजोरी के अलावा पाचन संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं. हालांकि, कोरोनावायरस एक सांस संबंधी रोग है, लेकिन ये आपके शरीर के दूसरे हिस्सों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है. ये हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट संबंधी रास्ते को प्रभावित करता है, जिसे जीआई के रूप में भी जाना जाता है.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट
जैसा कि डेडली वायरस शरीर में प्रवेश करता है और सांस वाली नली को संक्रमित करता है, जिससे सांस, खांसी आदि की तकलीफ होती है. ये ACE2 रिसेप्टर्स पर हमला कर सकता है जो अंगों में सेल लाइनिंग के सेलुलर झिल्ली में बैठते हैं.
ठीक होने में समय ज्यादा
शोध के अनुसार, 5 में से 1 COVID मरीज पेट की खराबी, जैसे पेट दर्द और दस्त से पीड़ित होते हैं. कुछ अध्ययनों ने ये भी दावा किया है कि जो रोगी इन लक्षणों से पीड़ित हैं, उन्हें दूसरे COVID रोगियों की तुलना में ठीक होने में लंबा समय लगता है.
80 प्रतिशत रोगियों को कम भूख
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट संबंधी इश्यू, जैसे स्वाद और गंध के न आने की वजह से कुछ रोगियों को भूख भी नहीं लगती है. चीन में शोध के अनुसार, 80 प्रतिशत रोगियों को भूख कम लग रही थी. इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, मरीज भी जी मिचलाना और उल्टी से पीड़ित थे.
हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 के 19 प्रतिशत रोगियों में लिवर एंजाइमों एलनिन एमिनोट्रांस्फरेज (ALT) और एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज (एएसटी) के असामान्य स्तर होते हैं, जो ज्यादातर सीरम बिलीरुबिन और गामा-ग्लूटामिल ट्रांसफरेज (जीजीटी) में हल्के वृद्धि के साथ होते हैं. अधिकांश रोगियों में, लिवर की चोट हल्की और अस्थायी होती हैं, हालांकि गंभीर लिवर की रिपोर्ट की गई है.
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