Raksha Bandhan 2021 : इस बार रक्षाबंधन है सबसे खास, बन रहा है दुर्लभ संयोग, राखी से पहले जरूरी जान लें ये बात
सावन मास की पूर्णिमा मतलब रक्षाबंधन, जिसे सबसे पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है, इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन सावन के आखिरी दिन पड़ रहा है।
क्यों शुभ है इसबार का रक्षाबन्धन
एक तो इस बार रक्षाबंधन रविवार यानी अवकाश के दिन पड़ रहा है, दूसरा भद्रा जैसे अशुभ काल का समापन भी रविवार सुबह 6:15 बजे हो जायेगा। इसके साथ ही कल चंद्रमा, मंगल के नक्षत्र और कुम्भ राशि में विद्यमान होगा।
घनिष्ठा नक्षत्र लाएगा भाई-बहनों के जीवन में खुशहाली
घनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग भाई और बहन दोनों के लिए काफी शुभ, इस मुहूर्त में राखी बांधने से भाई और बहनों के भाग्य में वृद्धि होती है।
राखी का शुभ समय
शुभ समय - 22 अगस्त 2021, रविवार सुबह 5:50 बजे से 6:03 बजे तक
रक्षाबंधन के लिए दोपहर का सबसे उत्तम समय - 1:45 से 4:15 बजे तक माना गया है।
राखी बांधने समय करें इस विधि का पालन
बहनें भाई को लाल रोली या केसर या कुमकुम से आरती उतारते हुए तिलक करें
उसकी दीर्घायु की कामना करे और मिठाई खिलाए।
राखी बांधते हुए ईश्वर से उसकी लंबी आयु की और रक्षा की कामना करें
भाई उपहार स्वरुप बहन को शगुन या उपहार अवश्य दे।
पुलिस, सैनिक बल तथा सैनिकों को भी रक्षार्थ राखी बांधी जाती है।
पुरोहित अपने जजमानों के रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनके पालन पोषण का वचन लेते हैं।
पुरोहित वर्ग को कलाई पर रक्षासूत्र की मौली के तीन लपेटे देते हुए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
"येन वद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः : तेन त्वामबुध्नामि रक्षे मा चल मा चल"
राखी का पर्व टूटे संबंधों को बांधने का भी एक महत्वपूर्ण पर्व है। पुत्रियों के मायके आने का जहां एक अवसर है। वहीं रक्षा बंधन सबको बांधने का एक बहाना है। रक्षाबंधन सुरक्षा का मात्र सूत्र ही नहीं रह जाता ब्लकि एक वचनबद्धता और जिम्मेवारियों का बंधन बन जाता है। इस धागे का संबंध अटूट होता है। एक भाई अपनी बहन के लिए और उसकी सुरक्षा तथा खुशी के लिए दृढ़ संकल्पित रहता है।
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