Health Tips: मानसून सीजन में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, रहें सतर्क! इन उपाय से करें बचाव 

 
Health Tips: मानसून सीजन में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, रहें सतर्क! इन उपाय से करें बचाव 

Health Tips: मानसून ने दस्तक दे दी है। बरसात का मौसम कई खतरनाक बीमारियों को लेकर आता है। ये बीमारियां बरसात के कारण पानी भरने, गंदगी, कीड़े-मकौड़े या मच्छरों के कारण हो सकती हैं। अगर आप इन बीमारियों के बारे में जानकारी रखेंगे, तो इनसे बेहतर तरीके से बचाव कर सकते हैं।

1. मलेरिया

यह भी एनोफेलीज़ नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इसके डंक के जरिए प्लास्मोडियम नामक पैरासाइट व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है और रेड ब्लड सेल्स को तेजी से नष्ट करने लगता है। भारत में आमतौर पर लोगों को वाई-वैक्स मलेरिया होता है, पुराने समय में इसकी वजह से लोगों की मौत हो जाती थी, लेकिन अब इसका उपचार संभव है।

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2. चिकनगुनिया

Health Tips: मानसून सीजन में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, रहें सतर्क! इन उपाय से करें बचाव 

बारिश के मौसम में एडिस इजिप्टी और एडीस एल्बोपिकटस नामक मच्छरों के काटने से यह बीमारी होती है। उसमें काटने के चार से छह दिनों बाद व्यक्ति में इसके लक्षण नजर आते हैं।

3. गैस्ट्रोइंटाइटिस

आमतौर पर इसे डायरिया या स्टमक फ्लू कहा जाता है। सफाई का ध्यान न रखने पर पानी या भोजन के जरिए से नुकसानदेह बैक्टीरिया व्यक्ति की आंतों में पहुंचकर वहां सूजन पैदा करते हैं, जिससे पाचन-तंत्र के कार्यों में रूकावट पैदा होती है।

4. टाइफाइड

यह सल्मोनल्ला एंटेरिका सेरोटाइप टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलने वाला गंभीर संक्रामक रोग है। दरअसल संक्रमित व्यक्ति के मल में भी यह बैक्टीरिया जीवित रहता है। खुले में शौच की आदत और सीवेज सिस्टम की व्यवस्था दुरुस्त न होने की वजह से यह लोगों के भोजन के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह बैक्टीरिया महीनों तक जीवित रहता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसी वजह से संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगता है।

5. हेपेटाइटिस ए और ई

वायरस की वजह से होने वाले हेपेटाइटिस नामक लिवर संक्रमण के कई प्रकार हैं, पर बरसात के मौसम में दूषित खानपान के कारण सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या होती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं।

6. डेंगू

एडीज़ प्रजाति के मच्छर इस समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनके डंक के जरिए व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस का प्रवेश हो जाता है और वहां तेजी से इसकी संख्या बढ़ने लगती है।

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