उत्तराखंड: हिमालय के बीच बसे ये खूबसूरत ट्रैक्स कर देंगे ट्रैकर्स को रोमांचित, देखें

 
उत्तराखंड: हिमालय के बीच बसे ये खूबसूरत ट्रैक्स कर देंगे ट्रैकर्स को रोमांचित, देखें

यूँ तो उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है लेकिन यहां कि शांत वादियां, ऊंचे पहाड़, ठंडी हवाएं और चारों तरफ हरियाली और खूबसूरत बुग्याल भी बाहरी पर्यटकों को खासे लुभाते है. उत्तराखंड उत्तर भारत का एक बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है जिसकी खूबसूरती का जितना भी बखान किया जाए वह कम ही है. वर्तमान में उत्तराखंड का शुमार उन चुनिंदा पर्यटन स्थलों में है जिसकी सुंदरता निहारने दुनिया भर से पर्यटक साल भर आते हैं.

इसके अलावा ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों के नज़रिए से भी उत्तराखंड प्रमुख स्थान है, जहां स्थित कई उचाई वाली जगहों से आपको हिमालय के खूबूसरत और वादियों के मनोरम दृश्य नज़र आ सकते है. आज हम आपको अपने इस लेख में उन्ही स्थानों के बारे में बताने जा रहे है.

चांईशील बुग्याल ट्रैकिंग

चांईशील बुग्याल ट्रैकिंग उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित बहुत ऊँची घाटी है. चांईशील समुद्र तल से 11700 फीट की उंचाई पर स्थित है. पहले चांईशील लोगो के बीच फेमस नही था लेकिन वर्ष 2017 में इसे “ट्रैक ऑफ़ द ईयर” की उपाधि दी गई है. इसके बाद से चांईशील ट्रैकिंग के लिए पर्यटक अधिक संख्या में जाने लगे और चांईशील पर्यटकों के बीच लोकप्रिय और आकर्षक पर्यटन स्थल बन गया है.

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चांईशील में पर्यटक 7 दिन की शानदार ट्रैकिंग करके यहाँ से जुड़े रहस्यों को जान सकते है. चांईशील तक जाने के लिए ट्रैकिंग यात्रा बालावत से शुरू होती है और आसपास की पहाड़ियों पर घूमने के बाद देहरादून में ख़त्म होती है.

गोमुख तपोवन ट्रेक

गोमुख तपोवन ट्रेक समुद्र तल से 4465 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसको भारत का सबसे अच्छा ट्रैकिंग स्थल कहा जा सकता है, क्योंकि यह ट्रेकिंग के साथ साथ अद्भुत पर्यटन स्थल प्रदान भी करता है और इससे आध्यात्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. ट्रेक भागीरथी नदी के किनारे से शुरू होती है इसीलिए इसे आमतौर पर गोमुख तपोवन ट्रेक के रूप में जाना जाता है. ट्रेक नौ दिन तक चलता है. तपोवन का शिविर हिमालय के कुछ दुर्लभ स्थलों को प्रस्तुत करता है.

गोमुख तपोवन ट्रेकिंग में आठ चोटियों शिवलिंग, चतुरंगी, मेरु पर्वत, भृगुपंत और सुदर्शन गंगोत्री ग्लेशियर के साथ शानदार दृश्य प्रस्तुत करने वाली कई अन्य चोटियाँ भी इस ट्रेक का आकर्षक हिस्सा हैं. ट्रेक के दौरान, आप हरे-भरे घास के मैदान में भी घूमते हुए गढ़वाल हिमालय की विशाल चोटियाँ के सुंदर दृश्यों को महसूस कर सकते हैं. गोमुख तपोवन ट्रेक रोमांचकारी शौकीनों के लिए आदर्श जगह है लेकिन ट्रेकिंग करने से पहले ये सुनश्चित करे लें की आप पूरी तरह स्वस्थ और फिट है.

चोपता चंद्रशिला ट्रेक

चोपता चंद्रशिला ट्रेक भारत के सबसे प्रसिद्ध और उच्च ऊंचाई वाले ट्रेको में से एक है. इसके अलावा चोपता चंद्रशिला ट्रेक भारत के चुनिन्दा ट्रेको में से एक है जिसकी ट्रेकिंग बर्ष के किसी भी समय की जा सकती है,हालांकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के कारण यह ट्रेक कठिन हो जाता है क्योंकि चोपता के लिए रास्ता बंद हो जाता है.

इस ट्रेक के दौरान केदारनाथ, चौखम्बा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसे विभिन्न हिमालयी चोटियों के 360 ° दृश्यों को देखा जा सकता है. साथ ही यह क्षेत्र अल्पाइन वनस्पति की सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है. जबकि ट्रेक का मुख्य आकर्षण भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराना तुंगनाथ मंदिर हैं. लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, तुंगनाथ मंदिर दुनिया में सबसे ऊंचा भगवान शिव मंदिर होने के लिए प्रसिद्ध है.

रूपकुंड ट्रेक

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित रूपकुंड ट्रेक उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक है. रूपकुंड रोमांचक स्थान के साथ साथ रहस्यमयी स्थान के रूप में भी जाना जाता हैं, यह अपने पांच सौ कंकालों के लिए प्रसिद्ध है जो इसके किनारे पर पाए जाते हैं. इसी कारण से इसे मिस्ट्री लेक कहा जाता है.

रूपकुंड ट्रेक 3200 मीटर की ऊँचाई पर लोहाजंग से शुरू होता है जो आपको घास के मैदान, झरने और बेडनी बुग्याल जैसे स्थानों से होते हुए रूपकुंड झील तक ले जाता है. इनके अलावा ट्रेक का एक विशेष रूप से आकर्षक हिस्सा चांग मा के बर्फ से ढके पहाड़ पर चढ़ना है. जैसे ही ट्रेकिंग करके आप रूपकुंड झील पहुचते हैं यकीन मानिये तुरंत ही इसकी सुंदरता पर फिदा हो जायेगे.

औली गोरसों बुग्याल ट्रेक

औली गोरसों बुग्याल ट्रेक उत्तराखंड में सबसे प्रसिद्ध ट्रेक में से एक है. यह ट्रेक आपको गढ़वाल हिमालय क्षेत्र के सबसे खूबसूरत स्थानों में ले जाता है. गर्मियों के मौसम में आप घास के मैदानों पर जाते हैं जहाँ छोटे-छोटे रंग-बिरंगे फूलों के पौधे हवा में जोर से नाचते हैं और आपके मन को प्रसन्न करते हैं. जबकि देवदार और ओक के पेड़ों के साथ अल्पाइन की सुन्दरता इस ट्रेक को और अधिक आकर्षक बनाती है.

हालांकि गोरसों बुग्याल ट्रेक सर्दियों में बर्फ में ढंक जाता है, जिससे ट्रेक करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है इसीलिए औली गोरसों बुग्याल ट्रेक में ट्रेकिंग करने के लिए मई से जून का समय सबसे अच्छा समय होता है.

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