Akshay Tritiya 2022: आप भी हैं बांके बिहारी के भक्त, तो कीजिए उनके दिव्य चरणों के दर्शन, साल में केवल एक ही बार मिलता है ये मौका…
Akshay Tritiya 2022: आज अक्षय तृतीया के अवसर पर हिंदू धर्म को मानने वाले सभी लोग देवी लक्ष्मी की आराधना कर रहे हैं. साथ ही दान पुण्य करके आज के दिन अक्षय पुण्य कमा रहे हैं.
ऐसे में यदि आज के दिन आप बांके बिहारी के दिव्य स्वरूप के दर्शन करना चाहते हैं, तो इस सुअवसर को हाथ से ना जाने दें. जी हां!
भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन में अक्षय तृतीया यानि आज के दिन बांके बिहारी के भक्तों को उनके अद्भुत चरणों के दर्शन का सौभाग्य मिलने वाला है.
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कहते हैं जो भी भक्त आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के चरणों के दर्शन करता है, उसे जीवन में विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
अक्षय तृतीया पर किया जाता है बांके बिहारी का अलौकिक श्रृंगार…
हालंकि बांके बिहारी के दर्शन के लिए साल भर भक्तों की भीड़ वृंदावन में लगी ही रहती है. लेकिन अक्षय तृतीया वाले दिन बांके बिहारी के चरणों पर चंदन का लेप लगाया जाता है.
यानि बांके बिहारी मंदिर के सेवार्थी अक्षय तृतीया वाले दिन बांके बिहारी की प्रतिमा पर चंदन से घिसाई करते हैं. जोकि करीब एक हफ्ते तक चंदन से भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को चमकाते हैं.
इसके लिए चंदन बेंगलुरु और मैसूर से मंगाया जाता है. जिसमें गुलाब जल मिलाकर बांके बिहारी का श्रृंगार किया जाता है. साथ ही अक्षय तृतीया वाले दिन बांके बिहारी को चंदन के लड्डू का भोग लगाया जाता है.
कहते हैं अक्षय तृतीया वाले दिन बांके बिहारी को चंदन का लेप लगाकर उन्हें शीतलता प्रदान की जाती है और जो भी भक्त आज के दिन बांके बिहारी के चरणों के दर्शन कर लेता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है.
तो इसलिए नहीं होते हैं अन्य दिनों में ठाकुर जी के चरणों के दर्शन…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बांके बिहारी को भगवान श्री कृष्ण और राधा जी का मिश्रित रूप माना गया है. कहते हैं जब बांके बिहारी प्रकट हुए थे, तब हरिदास नाम के एक ब्राह्मण ने उनकी बहुत सेवा की.
लेकिन जब हरिदास आर्थिक संकट से जूझने लगा, तब उन्होंने देखा कि ठाकुर जी के चरणों में स्वर्ण मुद्रा है, कहते हैं ऐसे में जब भी हरिदास को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती,
तब वह ठाकुर जी के चरणों से एक स्वर्ण मुद्रा निकाल लेते थे. यही कारण है कि ठाकुर जी के चरणों के दर्शन आम व्यक्ति को नहीं कराए जाते हैं.
केवल अक्षय तृतीया वाले दिन बांके बिहारी के चरणों को आम आदमी के दर्शन के लिए सजाए जाते हैं, जिसके दर्शन के बाद व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.