Banke Bihari ji: आज से शुरू हो गया है मार्गशीर्ष का महीना, श्री कृष्ण के इस अवतार के पूजन मात्र से दूर होगा हर कष्ट
Banke Bihari ji: अगर आप भी भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी अवतार से परिचित हैं, तो हमारी आज की ये खबर आपके बेहद काम की हो सकती है. जैसा की विदित है कि भगवान श्री कृष्ण का बाल रूप ही उनका बांके बिहारी अवतार कहलाता है, जिसके सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में अनेकों भक्त हैं.
भगवान श्री कृष्ण का बांके बिहारी अवतार काफी प्रसिद्ध है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी अवतार की भक्ति करता है, उस पर भगवान श्री कृष्ण यानी विष्णु जी का विशेष आशीर्वाद बना रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी अवतार के पीछे क्या कहानी है,
यदि नहीं तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं. भगवान श्री कृष्ण का बांके बिहारी अवतार मार्गशीर्ष के महीने में लिया गया था. जो कि कल यानी कि 9 नवंबर से शुरू होने वाला है. हमारा आज कहीं ले आपको भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी अवतार की कहानी के बारे में बताने वाला है. तो चलिए जानते हैं….
बांके बिहारी का जन्म कैसे हुआ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संगीत के सम्राट कहे जाने वाले तानसेन के गुरु हरिदास जी भी भगवान श्री कृष्ण के भक्त थे. जिन्होंने अपने संपूर्ण संगीत को श्री कृष्ण के प्रति अर्पित कर दिया था. यही कारण है कि गुरु हरिदास जी श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन में श्री कृष्ण की भक्ति के संदेश को अपने संगीत के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया करते थे.
हरिदास जी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण उन्हें अक्सर अपने दर्शन दिया करते थे. ऐसे में जब वृंदावन वासियों को इस बात की खबर लगी तब उन्होंने गुरु हरिदास जी से विनती की कि वह भगवान श्री कृष्ण के उन्हें भी दर्शन कराएं. जिस पर गुरु हरिदास ने अपने संगीत के माध्यम श्रीकृष्ण को बुलाने का प्रयास किया,
इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण राधा जी के साथ सबके सामने प्रकट हुए, जिसे देखकर गुरु हरिदास जी के संगीत के बोल बदल गए, श्री कृष्ण जी के साथ राधा जी को देखकर उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया. उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के सामने अपनी समस्या रखी कि हे प्रभु मैं आपको तो पहनने के लिए वस्तु दे सकता हूं,
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लेकिन माता के लिए आभूषण और नित्य वस्त्र कहां से लेकर आऊंगा. जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की जोड़ी एक होकर बांके बिहारी के रूप में प्रकट हुई, तभी से भगवान श्री कृष्ण का बांके बिहारी अवतार काफी प्रसिद्ध है,
जो कि भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को अपनी ओर अवश्य लुभाता है. ऐसे में कार्तिक महीने के बाद मार्गशीर्ष महीने में बांके बिहारी भगवान ने अवतार लिया था, तभी से इस महीने में भगवान श्री कृष्ण के अवतार की आराधना की जाती है.