Bhadrapadha Ka Mahina: भादों के आखिरी दिनों में पड़ने वाले इन व्रत-त्योहारों का उठाएं लाभ, जाग जाएगा आपको सोया हुआ भाग्य
Bhadrapadha Ka Mahina: हिन्दू धर्म में व्रत व उपवास रखने का बड़ा महत्व है. हर महीने कुछ विशेष धार्मिक तिथियों पर व्रत आदि रखा जाता है. इन तिथियों पर व्रत रखने के अपने अपने कुछ खास लाभ अथवा महत्व हैं. यूं तो हर महीने कुछ विशेष तिथियों पर व्रत उपवास रखे जाते हैं. लेकिन सितंबर माह का यह महीना व्रत-पर्व से भरा हुआ है.
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सितंबर के पहले महीने की 5 से 11 तारीख तक कई सारे व्रत-पर्व हैं. हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद महीना होने से पूरा हफ्ता व्रत पर्व से भरा रहेगा. जिसमें जरुरतमंद लोगों को खाना, तिल और कपड़ों का दान करने का महत्व भी रहेगा. इसके अलावा इस सप्ताह के पांच दिन तो भगवान विष्णु की पूजा के लिए ही खास रहेंगे. तो आइए, 5 से 11 तारीख तक पढ़ने वाले व्रत पर्व के बारे में जान लेते हैं.,
6 सितंबर, मंगलवार - परिवर्तिनी एकादशी व्रत
धार्मिक मान्यताओं में परिवर्तन एकादशी व्रत रखने का भी महत्व बताया गया है. इस दिन वामन रूप में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. यह व्रत अच्छी संतान और संतानों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए रखा जाता है. लेकिन इस एकादशी व्रत को रखते समय आप दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करें.
7 सितंबर, बुधवार - वामन अवतार
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक त्रेतायुग में इस तिथि पर भगवान विष्णु ने पांचवां अवतार लिया था. इस अवतार को वामन अवतार के रूप में जाना जाता है. यह पहला मानव अवतार माना जाता है. भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से जीवन की हर समस्या दूर होती है.
8 सितंबर, गुरुवार - त्रयोदशी व्रत
इस महीने गुरुवार को यह तिथि पड़ रही है, जिसमें भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है. यह दिन त्रयोदशी व्रत प्रदोष करने के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है.
9 सितंबर, शुक्रवार - अनंत चतुर्दशी पर्व होने से
अनंत चतुर्दशी बेहद विख्यात पर्व है. जिसमें भगवान विष्णु के बनाए 14 लोक में रक्षा के लिए
14 गांठे लगाई जाती हैं. इन सभी के लिए भगवान विष्णु ने अवतार लिए थे. यही कारण है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके अतिरिक्त इस दिन गणेश विसर्जन का भी आयोजन होता है.
10 सितंबर, शनिवार - पहला श्राद्ध
भादौ की पूर्णिमा पर पहला श्राद्ध किया जाता है. इस दिन से पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा. इस दिन से आप अपने पितरों के लिए श्राद्ध करना प्रारंभ कर देते हैं.