Budhwar ki Aarti: विघ्नहर्ता और बुध देव की कृपा पाने के लिए श्रद्धा से कीजिए इन आरतियों का गान…बढ़ेगा मान सम्मान
Budhwar ki Aarti: बुधवार के दिन लोग गणपति जी और बुध देवता को प्रसन्न करने के लिए व्रत धारण करते हैं. बुधवार का दिन काफी विशेष माना जाता है, इस दिन गणपति जी की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि आती है.
आज के दिन कई लोग भगवान गणेश और बुध की कृपा पाने के लिए व्रत का पालन करते हैं, इस दौरान पूजा के बाद आरती गाई जाती है.
ऐसे में हमारे इस लेख में हम आपके लिए गणपति जी की और बुध देव की आरती लेकर आए हैं. जिसका गान करने से आपको अवश्य लाभ मिलेगा.
यहां पढ़िए बुधवार की आरती…
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
बुध देव की आरती
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