Chaitra Navratri 2022: देवी मां को अति प्रिय है हलवा पूड़ी, भोग लगाने के पीछे ये है मान्यता...
Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि अब समाप्ति की ओर हैं. नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमीं तिथि को मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है.
देवी को विभिन्न प्रकार के भोग, जैसे चना, खीर, पुए, हलवा, पूड़ी इत्यादि का भोग लगाया जाता है. इन सबका भोग लगाने से माता की कृपा बरसती है.
लेकिन क्या आपको पता है माता को इन सभी प्रसादों में से सबसे अधिक प्रिय प्रसाद कौन सा है. आइये आपके बताते हैं कि माता को सबसे अधिक प्रिय प्रसाद कौन सा है और किस प्रकार भोग लगाएं.
माता का प्रसाद
मान्यता है कि नवरात्रि के अंतिम दिन अर्थात नवमीं तिथि को कन्याओं को हलवा-पूड़ी, खीर-पूड़ी या दही जलेबी इत्यादि का भोज कराना चाहिए.
माता का प्रसाद बनाते समय शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान देना चाहिए. किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं होनी चाहिए.
पूरी श्रद्धा के साथ माता का भोग लगाएं. और माता के प्रसाद (हलवा-पूड़ी) का कन्याओं को पूरी श्रद्धा के साथ भोज कराएं.
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इस प्रकार बनाए हलवा
माता का प्रसाद बनाने के लिए किसी भी प्रकार की कंजूसी न दिखाएं. बल्कि श्रद्धा व क्षमतानुसार प्रसाद तैयार करें.
माता के भोग के लिए हलवा बनाने के लिए सूजी, देशी घी, चीनी, काजू, किशमिश, बादाम इत्यादि का प्रयोग करें. इन सभी सामग्रियों को मिलाकर हलवा बनाएं और माता का भोग लगाएं.
फिर शुद्ध तेल या घी में शुद्ध गेहूं के आटे की पूड़ी निकाले. और हलवा-पूड़ी का साथ में मां आदिशक्ति को भोग लगाएं. उसके बाद कुमारी कन्याओं को प्रेम-पूर्वक हलवा पूड़ी परोसे और उनको भोज कराएं.