Chanakya Niti: इन 2 लोगों से बात करते समय बरतनी चाहिए सावधानी, अपशब्दों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है मंहगा
Chanakya Niti: मनुष्य के जीवन के बाद ही उसके जीवन से कई संबंध जुड़ जाते हैं. कुछ उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं तो कुछ कम महत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता होता है माता-पिता का, जिसमें किसी भी प्रकार का कोई छल कपट नहीं होता है. जीवन में इसी रिश्ते को सबसे ज्यादा संभालकर रखना चाहिए.
लेकिन रिश्तों को संभाल कर रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है आपकी भाषा. यदि आप अपने रिश्तों में मीठी वाणी बोलते हैं तो वह रिश्ते लंबे समय तक चलते हैं. इसके विपरीत यदि आप अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं रखते और कटु वचन बोलते हैं तो आपके रिश्ते खराब होना शुरू हो जाते हैं. हालांकि आपको हर एक रिश्ते में बोलते समय वाणी पर संयम रखना चाहिए. लेकिन खासतौर पर माता-पिता से बात करते समय अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाए रखना आवश्यक है.
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आचार्य चाणक्य जिन्होंने चाणक्य नीति का निर्माण किया है, वह भी इस बात का उल्लेख अपनी नीति में करते हैं. जिसमें उन्होंने माता पिता को सबसे महत्वपूर्ण दर्जा दिया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, 'माता पिता पर कभी अपनी जुबान की ताकत मत आजमाओ, इन्होंने ही तुम्हें बोलना सिखाया है।'
माता पिता के लिए कड़वे वचन बोलना मतलब पापा का भागी बनना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता पिता आपके जीवन के वह दो लोग हैं, जिन्होंने आपको बोलना सिखाया है. यदि आप उनकी ही दी हुई चीज का गलत प्रयोग करेंगे तो इससे आपके माता पिता को गहरी चोट लगेगी. आपके माता पिता भले ही आपसे कुछ ना कहें, लेकिन नीति के अनुसार आप उनके लिए अपशब्द का प्रयोग करके पाप के भागी बन रहे हैं. इसलिए माता पिता से बात करते समय उनसे अच्छे से ही बात करना चाहिए.
माता पिता के लिए बोले गए अपशब्द, कभी नहीं बनने देंगे आपको अच्छा इंसान
कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने माता पिता का सम्मान नहीं कर सकता है, वो भला किसी और का सम्मान क्या करेगा. माता पिता आपके जीवन के पहले रिश्ते होते हैं. जो आपको सफल बनाने के लिए अपने जीवन की पाई पाई लगा देते हैं. लेकिन अगर आप अपने स्वार्थ में उनको गलत या बुरा भला बोलते हैं. तो आपसे बड़ा कायर और पापी इस दुनिया में कोई नहीं है. इसलिए यदि आप अपने माता पिता से प्यार करते हैं और उनके त्याग का शुभ फल उन्हें देना चाहते हैं तो कभी भी उनसे ऊंची आवाज में या गलत शब्दों का प्रयोग करके ना बोलें.