Chanakya Niti: कोई बार-बार करे आपका अपमान, तो इस तरीके से लें बदला

 
Chanakya Niti: कोई बार-बार करे आपका अपमान, तो इस तरीके से लें बदला

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीति जीवन के सूत्रों के विषय में बहुत कुछ बताती है. मनुष्य जीवन में लोगों के व्यवहार और उनकी नीतियों के विषय में चाणक्य नीति ने बहुत कुछ बताया है. इसी में से चाणक्य नीति का कहना है कि आपको अपमान का घूंट कभी नहीं पीना चाहिए.

दरअसल चाणक्य कहते हैं कि अपमान करना नकारात्मक लोगों का काम होता है. वह इस विचार से अपमान करते हैं ताकि आप स्वयं को कमजोर समझने लगे. आक्रोश से भर जाए और नकारात्मक वातावरण की चपेट में आ जाए.

Chanakya Niti: कोई बार-बार करे आपका अपमान, तो इस तरीके से लें बदला

घमंडी लोगों का काम है अपमान करना

चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में संघर्ष किया है और संघर्ष के बल पर किसी मुकाम पर पहुंचा है. वह व्यक्ति कभी किसी का अपमान नहीं करता है.

WhatsApp Group Join Now

लेकिन जो थोड़े ही प्रयास में जीवन में बहुत ज्यादा कामयाब हो जाता है, उसका घमंड लोगों का अपमान करना शुरू कर देता है. लेकिन इन लोगों का गर्व और ईगो ज्यादा दिन तक नहीं चलता है.

Chanakya Niti: कोई बार-बार करे आपका अपमान, तो इस तरीके से लें बदला

अपमान पर संयम से दें, अपना जवाब

अधिकतर लोग अपने अपमान का जवाब उसी भाषा में देते हैं जिस भाषा में उनका अपमान होता है. लेकिन वास्तव में आपको उसी भाषा में जवाब देने से कुछ समय तो काफी अच्छा लगेगा,

लेकिन इसके बाद आपको अंदर ही अंदर यह बात बुरी लगेगी. इसलिए जब भी आपको कोई अपमानित कर रहा हो तो संयम से आपको उसका जवाब देना चाहिए.

ये भी पढ़ें:- आपके जीवन में भी लग जाएगी खुशियों की झड़ी, केवल मानें चाणक्य की कहीं ये बातें

जवाब देने से बेहतर है, आपका काम लोगों को झुका दे

बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपमान का बदला अपमान से नहीं लेते हैं. बल्कि चाणक्य के अनुसार हमें अपने अपमान का बदला अपने काम से लेना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि जब कंस के दरबार में भगवान श्री कृष्ण का मजाक उड़ाया गया तब श्री कृष्ण ने कोई उत्तर नहीं दिया.

लेकिन श्रीकृष्ण की शक्ति को देखकर कंस ने अपना सिर झुका दिया. जिससे यह स्पष्ट होता है कि आपकी शक्ति और आपका कार्य ही आपके अपमान के बोझ को कम कर सकता है.

Tags

Share this story