Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते हैं सफल, तो कुत्ते के व्यवहार से सीखें ये 4 बातें

 
Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते हैं सफल, तो कुत्ते के व्यवहार से सीखें ये 4 बातें

Chanakya Niti: मनुष्य का जन्म सर्वश्रेष्ठ जन्म माना जाता है. यदि ईश्वर ने हमें एक मनुष्य रूप में जन्म लिया है, तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम एक श्रेष्ठ मानव के रूप में अपना जीवन व्यतीत करें. लेकिन एक श्रेष्ठ मानव बनने के लिए आपको किन बातों को अपनाना जरूरी है? इस प्रश्न का जवाब मिलता है चाणक्य नीति में.

ये भी पढ़े:- सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए, किसी चमत्कार से कम नहीं हैं चाणक्य की ये बातें

चाणक्य नीति, दुनिया के महान दार्शनिक आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई है. जिसमें परिवार, समाज और देश को लेकर कहीं सार्थक विचार लिखे गए हैं. जीवन में सफलता हासिल करने के लिए चाणक्य नीति में कई बातों का उल्लेख मिलता है. इसी के साथ चाणक्य नीति के अनुसार वफादार कुत्ते से आप चार ऐसी बातें सीख सकते हैं, जो आपको एक श्रेष्ठ मानव बना सकती हैं.

WhatsApp Group Join Now
Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते हैं सफल, तो कुत्ते के व्यवहार से सीखें ये 4 बातें

वफादारी का गुण है बेहद जरूरी (Chanakya Niti)

चाणक्य नीति में कहा गया है कि कुत्ता एक ऐसा जानवर है जो अपने मालिक के लिए बेहद वफादार रहता है. जो भी उसका मालिक होता है वे उसके अनुसार ही अपने जीवन को बना लेता है. इसी प्रकार एक मनुष्य को भी अपने ईश्वर अपने देश के प्रति वफादार होना चाहिए. और उन्हीं के अनुरूप अपने जीवन को ढाल लेना चाहिए.

चौकन्ना रहना भी है एक सर्वश्रेष्ठ गुण (Chanakya Niti)

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस प्रकार एक कुत्ता गहरी नींद में भी चौकन्ना हो जाता है. जरा सी आहट से वह सतर्क हो जाता है. उसी प्रकार एक मनुष्य को भी हमेशा सतर्क रहना चाहिए. कोई भी मुसीबत या खतरे का संकेत मिलते ही उसे सावधान हो जाना चाहिए.

Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते हैं सफल, तो कुत्ते के व्यवहार से सीखें ये 4 बातें

संकट में डटकर खड़े रहे

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुत्ते की एक बड़ी विशेषता है कि वह बहादुर होता है. भले ही वह अकेला हो लेकिन संकट के समय में कभी भी घबराता नहीं है. इसी प्रकार मनुष्य को भी संकट के समय में बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए. हर हाल में उसे हिम्मत से व डटकर का सामना करना चाहिए.

संतोष का भाव है बेहद अच्छा गुण

चाणक्य कहते हैं कि कुत्ता एक संतोषी स्वभाव का जीव होता है. जिस प्रकार उसका मालिक उसे भोजन देता है वह उसमें संतुष्ट होता है. उसी प्रकार इंसान को भी भोजन और अन्य आवश्यकताओं के प्रति संतोषी स्वभाव रखना चाहिए. इस स्वभाव से इंसान मानसिक तनाव से बच पाता है और अपने परिवार को एक शांत माहौल दे पाता है.

Tags

Share this story