Chanakya Niti: जीवन में पाना चाहते हैं खुशियां, तो आज ही करें ये काम
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वान हैं. उन्होंने अपनी नीतियों में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई बातों को वर्णित किया है. इसी के साथ आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन में आने वाले सुख और दुख का कारण उसके कर्म बताए है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के कर्म ही उसके दुख और सुख को नाप सकते हैं.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसी बातों को बताया है. जिनके जरिए आप अपने वर्तमान को भविष्य के लिए सुधार सकते हैं. इन बातों को अपनाकर आप अपने जीवन में एक नई दिशा प्राप्त कर सकते हैं. इन बातों को मानने से आपका सम्मान दुगना हो जाएगा और इसके साथ ही आपका सुख चौगुना हो जाएगा.
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम्॥
सत्कर्मों में भोजन खिलाना है सबसे जरूरी
चाणक्य अनुसार हमारे पिछले जन्म के कर्म हमारे वर्तमान जीवन को प्रभावित करते हैं. यदि आपको भरपूर खाना मिल रहा है और आप अच्छा भोजन ग्रहण कर रहे हैं, तो यह आपके बेहतर जीवन की एक निशानी है. इसका अर्थ है कि आपने पिछले जन्म में भूखे लोगों को भोजन कराया होगा. इस जन्म में भी आपको भूखों को भोजन कराने से अच्छे कर्मों का फल अवश्य मिलेगा.
लालच करने वाले भोगते हैं कई बीमारियां
आचार्य चाणक्य के अनुसार लालच एक बुरी बला है. लालच जो कोई भी करता है उसका वर्तमान और भविष्य दोनों ही खराब हो जाता है. चाणक्य के अनुसार अच्छा भोजन करना ही आपके लिए सुखदायक नहीं होता बल्कि उसको ग्रहण करना और उसको पचाने की क्षमता भी जरूरी होती है. लेकिन यदि आपने पिछले जन्म में लालची व्यक्ति का जीवन जिया है तो बेशक आप भोजन को पचाने में सक्षम ही नहीं होंगे. आप कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं.
अच्छे कर्मों का फल होता है एक अच्छा जीवनसाथी
आचार्य चाणक्य के अनुसार वैवाहिक जीवन आपके सुख और दुख में काफी हद तक संचय करता है. एक अच्छा जीवन साथी पाना सौभाग्य की बात होती है. इसी प्रकार चाणक्य नीति में कहा गया है कि यदि आपको इस जन्म में एक अच्छा जीवनसाथी मिला है तो बेशक आपने पूर्व जन्म में कुछ अच्छे कर्म किए होंगे.
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दान- पुण्य से चमकेगी आपकी किस्मत
दान पुण्य करना हर मनुष्य के लिए बेहद जरूरी है. यदि आप अपने इस जन्म में दान नहीं करते हैं तो आप अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही अंधकार में डाल रहे हैं. दान करने वाले लोग अपने अगले जन्म में सत्कर्मों को प्राप्त करते हैं.