Chanakya Niti: मानव जीवन में रिश्तोम का बेहद महत्व होता है. एक बच्चे के जन्म के बाद ही उससे कई रिश्ते जुड़ जाते हैं. जिन्हें जीवन भर निभाना जरूरी होता है. जीवन में आने वाले सभी रिश्ते किसी ना किसी मार्ग पर हमारा साथ देते हैं. वहीं उनमें से कुछ रिश्ते हमारे सबसे पक्के रिश्ते बन जाते हैं.
लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि पक्के रिश्तो में भी दरार आ जाती है. जिनके पीछे कुछ विशेष कारण ही रहा होता है. महान विद्वान, चाणक्य के द्वारा लिखी गई चाणक्य नीति में भी इस बात का उल्लेख किया गया है. चाणक्य नीति के अनुसार इन 3 कारणों से गहरे रिश्तो में भी दरार आ जाती है.
दिल में पैदा होने वाला वहम बन सकता है, पक्के रिश्ते का विलेन
चाणक्य नीति के अनुसार, रिश्तो की डोर बेहद नाजुक होती है. जरा सा झटका लगने से यह डोर टूट जाती है. यह झटका हो सकता है वहम का. जी हां, वहम एक ऐसी चीज है जो किसी भी रिश्ते को खत्म कर सकती है. अपने रिश्ते को बचाने के लिए वहम और अहम से दूर ही रहना चाहिए. यदि आपको किसी बात का संकोच है तो अपने रिश्ते में उस संकोच को स्पष्ट करते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
जिद्द भी कर सकती है किसी भी रिश्ते को खराब
एक अच्छे भले चलते रिश्ते को आप अपनी जिद से खराब कर सकते हैं. जिस भी व्यक्ति में धैर्य नहीं होता है वह अपने रिश्ते को खराब कर लेता है. जिद की प्रवृत्ति रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है. जिद्दी स्वभाव आपके पार्टनर पर बुरा प्रभाव डालता है और आपका रिश्ता खराब कर सकता है.
एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में रिश्ता रह जाता है पीछे
जिन रिश्तो में जिद और मुकाबला होता है वह रिश्ता कभी भी जीत नहीं पाता है. रिश्तो में कभी भी जीत और हार नहीं लानी चाहिए. चाणक्य के अनुसार यदि पार्टनर एक दूसरे से आगे निकलने की प्रतियोगिता में रहते हैं तो वह अपने प्रेम और अपने रिश्ते को व्यर्थ ही खराब कर लेते हैं.
ये भी पढ़े:- इस तरह से मिनटों में पता चल जाएगा कौन है अपना, और कौन है पराया?