Chanakya Niti: जीवन में लक्ष्य पाने के लिए जरूरी है इन मंत्रों की उपासना, अन्यथा नहीं मिलेगी सफलता
Chanakya Niti: जीवन में कामयाबी की चाहत हर किसी की होती है लेकिन कामयाबी हासिल करने की नीतियों का पालन बस कुछ ही लोग कर पाते हैं. अपने सपनों को पूरा करने के लिए व्यक्ति को दिन रात मेहनत करनी पड़ती है.
हौसले बुलंद रखने पड़ते हैं और हर विकट परिस्थिति का डटकर सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि आपको एक कुशल मार्गदर्शक प्राप्त हो जाएं तो मंजिल की राह कुछ आसान हो जाती है.
दरअसल चाणक्य नीति को यूं ही मानव समाज का मार्गदर्शक नहीं कहा जाता है. यह एक ऐसी नीति है, जो मनुष्य के आर्थिक, पारिवारिक, प्रेम व व्यक्तित्व इत्यादि के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देती है.
इसी प्रकार चाणक्य ने सफलता के मूल मंत्र भी बताए हैं. यदि आप अपने लक्ष्य के मार्ग पर जरा भी डगमगाते हैं तो चाणक्य के इन मूल मंत्रों को एक बार अवश्य पढ़े.
चाणक्य नीति के छठें अध्याय के 16वें श्लोक में छिपा है सफलता का मूल मंत्र
प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से व्यक्ति को सफलता हेतु शेर जैसा बनने को कहा है. शेर के कुछ गुण यदि मनुष्य में हो तो वह अपने जीवन में हर लक्ष्य प्राप्त कर सकता है.
सफलता का मूल मंत्र है एकाग्रता
समझाते हैं कि एकाग्रता ही व्यक्ति के सफल होने में अपनी अहम भूमिका निभाती है. जिस प्रकार एक शेर अपने शिकार को पकड़ने के लिए पूरी एकाग्रता के साथ आगे बढ़ता है. उसी प्रकार हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए एकाग्रता को प्राप्त करना पड़ता है.
लक्ष्य के लिए बनें ईमानदार और शक्तिशाली
जिस प्रकार शेर अपने शिकार को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है साथ ही वह अपने शिकार के प्रति ईमानदार भी रहता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देनी चाहिए. यदि वह अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होगा तभी वह अपने जीवन को सफल राह प्रदान कर पाएगा.
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सफलता का मौका ना छोड़े
जिस प्रकार शेर अपने शिकार को पकड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता है. उसी प्रकार व्यक्ति को भी अपनी कामयाबी के रास्ते में मिलने वाले हर मौके का लाभ उठाना चाहिए. ऐसा करने से आपको कम समय में बेहतरीन सफलता हासिल होगी.