Devshayani Ekadashi 2023: इस दिन निद्रा में चले जाएंगे भगवान विष्णु, जानें क्या है कारण
Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी को हिन्दू धर्म में विशेष मान्यता प्राप्त है. यह पर्व भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के माध्यम से उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है. इसे आधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाता है. इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत विधि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. लोग इस दिन उपवास करते हैं और विष्णु भगवान की आराधना में लगे रहते हैं. इस दिन धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ जैसे कि पूजा, पाठ, भजन-कीर्तन, ध्यान आदि की जाती है.
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) का महत्व
1. आध्यात्मिक उन्नति- इस व्रत के द्वारा लोग अपने मन को शुद्ध करते हैं, अहंकार को दूर करते हैं और अपनी आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं.
2. पापों का नाश- देवशयनी एकादशी के व्रत के द्वारा लोग अपने पापों का नाश करते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं.
3. धार्मिकता और नैतिकता- यह पर्व लोगों को धार्मिकता, नैतिकता, सद्भावना और अहिंसा के महत्व का एहसास कराता है.
4. कर्म और धर्म की प्रशंसा- देवशयनी एकादशी पर्व के द्वारा लोग कर्म और धर्म की महत्ता को समझते हैं और इनका पालन करने का संकल्प लेते हैं.
5. भगवान विष्णु की कृपा का प्राप्ति का अवसर- यह एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है. इस दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उन्हें आनंद और शांति प्रदान करते हैं.
इस प्रकार, देवशयनी एकादशी विशेष रूप से भक्ति, आध्यात्मिकता, नैतिकता, कर्म और धर्म के महत्व को प्रतिष्ठित करता है. देवशयनी एकादशी का मनाने का मुख्य उद्देश्य भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है, जो भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करता है. इसके साथ ही, यह पर्व लोगों को अहिंसा, ध्यान, सच्चाई और सद्भावना के महत्व को याद दिलाता है.
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