Diseases by kundali: कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने पर पीछे लग जाते हैं ये रोग, जानें किस ग्रह से संबंधित है कौनसा रोग?
Diseases by kundali: ज्योतिष शास्त्र व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी देता है. जिनको जानने के बाद व्यक्ति उसी अनुसार कार्य और व्यवहार करता है, ताकि वह जीवन में होने वाली अप्रत्याशित घटनाओं से स्वयं को बचा सके.
इसी तरह से आप ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से यह भी जान सकते हैं किस ग्रह के कमजोर होने के चलते आपको रोग ग्रसित होने की संभावना है. यानि आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह यदि कमजोर है,
तो अवश्य ही आपको जीवन में इन लोगों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको ग्रहों और उनसे जुड़े रोगों के बारे में बताने वाले हैं, ताकि आप ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाकर अपने आपको रोग मुक्त कर सकें. तो चलिए जानते हैं…
किस ग्रह के कमजोर होने पर होता है कौन सा रोग
अगर आपकी कुंडली में केतु कमजोर है या नीच स्थिति में है, तो आपको जीवन में पक्षियों से खतरा हो सकता है, जिस वजह से आपको कई एक परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.
जिन लोगों की कुंडली में राहु कमजोर होता है या फिर नीच स्थिति में होता है, ऐसे लोग जीवन में हृदय की बीमारी और पैर की पीड़ा से जूझते हैं. इतना ही नहीं ऐसे लोगों को जीवन में जहर पीने तक की नौबत आ सकती है.
जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उनको शारीरिक कमजोरी, प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी बीमारियां, खून में कमी और जननेइंद्रिय रोग होने की संभावना रहती है.
अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर या नीच स्थिति में होता है, उन लोगों को वात, कफ, आंख और पैर से जुड़े रोग होने की संभावना रहती है.
जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है, उन लोगों को त्वचा से जुड़े रोग, चर्म रोग, पीलिया, आंख नाक और गले से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को आग से जलने का भी खतरा बना रहता है.
जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में होता है, ऐसे लोगों को टाइफाइड, पेट की समस्याएं और रसौली जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
मंगल जिन भी व्यक्तियों की कुंडली में कमजोर होता है, उन लोगों को पित्त ज्वर, पेट की बीमारियां, अग्नि और शस्त्र से और शरीर के ऊपरी भागों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, ऐसे लोगों को जीवन में दिल की समस्या, शरीर में जलन का अनुभव होना, मिर्गी की बीमारी, नेत्र से जुड़ी बीमारी, चर्म रोग आदि होने की संभावना रहती है.
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चंद्रमा जिस भी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर होता है उस व्यक्ति को जीवन में निद्रा से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही ऐसा व्यक्ति आलसी स्वभाव का होता है, उसको पीलिया, खून की खराबी, अतिसार, कफ इत्यादि से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इस प्रकार से अधिक ज्योतिष शास्त्र की मानें तो वात पित्त और कफ से जुड़ी समस्याओं के लिए आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह भी कारक होते हैं, जिनका उपचार करने के पश्चात आपको अवश्य ही इन लोगों से छुटकारा मिल सकता है.