Ganesh Aarti: गणपति बप्पा को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है इस आरती का गान, पूजा के बाद करने से बरसती है गणेश जी की कृपा
Ganesh Aarti: आज का दिन रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी की उपासना का दिन है. कहते हैं जो भी व्यक्ति सच्चे मन से गणपति जी की आराधना करता है, वह अपने उस भक्त के सारे संकट दूर कर देते हैं.
गणेश जी अपने भक्तों को विद्या, बुद्धि और धैर्य प्रदान करते हैं, जिस कारण इन्हें समस्त देवी देवताओं में सर्वप्रथम पूजा जाता है.
कहते हैं अगर आपने कोई भी शुभ काम करने से पहले गणपति जी की आराधना नहीं की, तो आपको आपकी किसी भी देव की पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
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ऐसे में यदि आज के दिन आपने भी भगवान गणेश की आराधना का संकल्प लिया है. और सच्चे मन से उनके व्रत का पालन किया है तो आपकी आज की पूजा बिना गणपति की इस आरती के अधूरी है.
यहां पढ़ें गणेश जी की आरती…
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
गणेश भगवान की जय…
यहां पढ़े बुधवार की आरती...
आरती युगलकिशोर की कीजै।
तन मन धन न्योछावर कीजै॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै।
हरि का रूप नयन भरि पीजै॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥
ओढ़े नील पीत पट सारी।
कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥
फूलन सेज फूल की माला।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥
कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भई छाती॥
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी।
आरती करें सकल नर नारी॥
नंदनंदन बृजभान किशोरी।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी॥