Ganesh stotram Lyrics: आपकी हर मनोकामना होगी पूर्ण, केवल इस तरह से प्रतिदिन कीजिए पाठ

 
Ganesh stotram Lyrics: आपकी हर मनोकामना होगी पूर्ण, केवल इस तरह से प्रतिदिन कीजिए पाठ

Ganesh stotram Lyrics: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार किसी भी पूजा-पाठ में सर्वप्रथम शिव गौरी के सुपुत्र श्री गणेश जी की आराधना की जाती है. सर्वप्रथम पूजे जाने वाले श्री गणेश जी की कृपा जिस भक्त पर होती है, उसके जीवन के तमाम कष्टों का नाश होता है और जीवन सुख व समृद्धि से भर जाता है.

मान्यता है कि श्री गणेश जी की पूजा करने से घर से नकारात्मकता शक्ति दूर होती है और शुभ लाभ का वास होता है. विभिन्न श्रद्धालुओं द्वारा गणेश जी की पूजा गणेश चालीसा, गणेश स्तुति तथा मंत्रों के साथ की जाती है. इसी के साथ ही गणेश जी के अधिकतर भक्त गणेश स्त्रोत का पाठ भी करते हैं.

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कहा जाता है कि गणेश स्त्रोत का पाठ गणेश जी को सर्वाधिक प्रिय है. ऐसे में जो भी गणेश स्त्रोत का पाठ करता है, भगवान गणेश जी की कृपा उस पर विशेष रूप से होती है. गणेश स्त्रोत का नियमित पाठ करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं. यदि आप भी गणेश जी के प्रिय भक्तों में अग्रणी रहना चाहते हैं, तो गणेश स्त्रोत का पाठ करना आपके लिए फलदायक होगा.

बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा अर्चना के लिए विशेष माना जाता है. अतः इसलिए जो लोग प्रत्येक दिन गणेश स्त्रोत का पाठ नहीं कर सकते, बुधवार के दिन सच्ची श्रद्धा के साथ गणेश स्त्रोत का पाठ कर अपनी सद्बुद्धि में विकास करने की प्रार्थना कर सकते हैं.

आइए करते हैं विघ्नहर्ता श्री गणेश स्त्रोत का पाठ...

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम

नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम

द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम

जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्
संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय:

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:

 
उपरोक्त श्री गणेश स्त्रोत का पाठ करने के बाद गणेश जी की आरती कर आंखें बंद कर श्री गणेश का ध्यान करें. यदि आप पूर्ण श्रद्धा के साथ श्री गणेश स्त्रोत का पाठ करेंगे, तो निश्चित तौर पर आपका जीवन की दुख दरिद्रता दूर होगी.

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