Goverdhan 2022: इस दिन क्यों की जाती है गोवर्धन पर्वत की आराधना? होता है ये लाभ
Goverdhan 2022: गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है? क्या है इसके पीछे की कहानीभारतवर्ष में मनाया जाने वाला हिंदू पर्व दीपावली एक विशेष पर्व है. जो कि मुख्यता पांच दिवसीय त्योहार है. जिसमें दीपावली के अगले दिन गोवर्धन का पर्व मनाया जाएगा. जो कि बेहद लाभकारी व महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है.
यह त्योहार धार्मिक तौर पर ही नहीं बल्कि सामाजिक तौर पर भी एक ख़ास संदेश प्रस्तुत करता है.हर वर्ष गोवर्धन का पर्व दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है. इस पर्व में विशेष रूप से गाय की पूजा अर्चना की जाती है. गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है.
इसके अलावा इस पर्व को अन्न कूट के नाम से जाना जाता है. इस पर्व की शुरुआत मुख्य तौर पर श्री कृष्ण के युग, द्वापर युग से हुई थी.आइए, भगवान श्री कृष्ण से जुड़े गोवर्धन पूजा के विशेष महत्व के विषय में जानते हैं.
गोवर्धन पूजा की कथा अथवा कहानी
भगवान श्री कृष्ण का पूरा बचपन गोकुल में ही गुजरा. उनकी लीलाओं का पूरा गोकुल, बरसाना दीवाना रहा है. गोकुल के सभी लोग भगवान इंद्र की पूजा किया करते थे. लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव की पूजा की व्यर्थ बताकर गौ धन से जुड़ी गोवर्धन पूजा को करने का विचार शुरू किया.
उनकी बात के महत्व को समझते हुए समस्त गोकुलवासियों ने गोवर्धन की पूजा शुरू कर दी.लेकिन इंद्रदेव इस बात से बेहद नाराज हो गए और उन्होंने अपना क्रोध पूरे गोकुल पर दिखाना शुरू कर दिया.
इंद्रदेव ने पूरे गोकुल को पानी से डुबो दिया. लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी तर्जनी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा कर सभी गोकुलवासियों की जान बचा ली. इस प्रकार इंद्रदेव का घमंड टूट गया और सभी लोग गोवर्धन पूजा को अपनी विशेष पूजा में शामिल करने लगे.
गोवर्धन पूजा का महत्व
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को खुशी का पर्व माना गया है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन खुश रहता है वह वर्ष भर जीवन में खुशी का अहसास करते हैं. और जो इस दिन दुखी रहता है वह वर्ष भर दुखी ही रहता है. इसलिए इस पर्व को खुशी व उत्साह के साथ ही मनाया जाना चाहिए.