Guru Brihaspati: बृहस्पति देव को क्यों कहा जाता है ग्रहों का देवता? ये है वजह…
Guru Brihaspati: ज्योतिष शास्त्र में गुरु बृहस्पति को समस्त ग्रहों में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद गुरुदेव बृहस्पति उसे जीवन में सफलता और तरक्की के उच्च शिखर तक पहुंचाते हैं. यही कारण है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरुदेव बृहस्पति अच्छी स्थिति में होते हैं, वह व्यक्ति अपने जीवन में काफी मान सम्मान प्राप्त करता है. इसके विपरीत जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु नीच अवस्था में होते हैं, वह व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाता है. वैसे तो राशियों में गुरुदेव बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं.
इसके अलावा जो भी व्यक्ति गुरुदेव बृहस्पति से जुड़े उपायों का पूर्ण तरीके से पालन करता है, उसके जीवन में गुरुदेव बृहस्पति अपना आशीर्वाद सदा बनाए रखते हैं. इस वजह से हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि समस्त ग्रहों में गुरुदेव बृहस्पति को सबसे उच्च क्यों माना गया है? तो चलिए जानते हैं…
गुरुदेव बृहस्पति को क्यों दिया गया है सबसे उच्च ग्रह का दर्जा?
धार्मिक पुराणों के अनुसार, ब्रह्मा जी के पुत्र अंगिरा ऋषि के पुत्र जीव काफी बुद्धिमान थे. जिन्हें वेदों और धर्म शास्त्रों का अच्छा ज्ञान प्राप्त था. एक बार जब जीव ने काशी में शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की अनेक वर्षों तक कठोर तपस्या की.
तब भगवान शिव ने जीव की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए. इसके बाद भगवान शिव ने जी से कहा कि संपूर्ण जगत में तुम बृहस्पति देव के नाम से जाने जाओगे. तुम ग्रहों और देवताओं में सबसे उच्च होगे सदैव तुम्हारा अनुसरण करेंगे.
तुम संपूर्ण जगत में अपने ज्ञान से लोगों का मार्गदर्शन करोगे. कहा जाता है तब से ही गुरुदेव बृहस्पति को नव मंडल में सबसे विशेष स्थान दिया गया है. इसके साथ ही वह ग्रहों और देवताओं के भी गुरु कहे जाते हैं.
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