Guruwar vrat: देव बृहस्पति और श्री हरि का पाना चाहते हैं आशीर्वाद, तो इस तरह से कीजिए गुरुवार के व्रत का पालन..पढ़िए विधि और कथा
Guruwar vrat: गुरुवार या बृहस्पतिवार के दिन अधिकतर लोग भगवान विष्णु, बृहस्पति देव या साई बाबा का व्रत रखते हैं.
मान्यता है कि आज के दिन भगवान श्री हरि की विधि विधान से आराधना करने पर व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.
प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, उन्हें 16 गुरुवार तक व्रत रखना चाहिए, उसके बाद उद्यापन भी अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से आप पर देव बृहस्पति और श्री हरि दोनों की ही कृपा बनी रहती है.
ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको भगवान विष्णु की पूजा और व्रत विधि के बारे में बताने जा रहे हैं.
गुरुवार की व्रत विधि…
आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं.
आज नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाने से आपकी कुंडली से सारे दोष दूर होते हैं.
स्नान करते समय गुरुवार के दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
गुरुवार के दिन आपको पीले वस्त्र पहनने चाहिए.
इसके बाद श्री हरि की मूर्ति या तस्वीर के आगे घी का दीप जलाएं.
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पूजा की थाली में चने की दाल, गुड़, हल्दी, चावल, केला और एक उपला रखें.
भगवान विष्णु की प्रतिमा पर आज के दिन पीले फूल और तुलसी का पत्ता चढ़ाएं.
गुरुवार के दिन आप सत्य नारायण की कथा का भी पाठ कर सकते हैं.
आज के दिन आप केले के पेड़ के सामने भी यह पूजा कर सकते हैं.
केले के पेड़ की जड़ में हल्दी मिला जल डालें, और मंत्र का जाप करें.
पूजा के बाद गुरु देव बृहस्पति या भगवान श्री हरि की आरती उतारें.
आज के दिन यदि आप व्रत रखें, तो शाम को बिना नमक का ही भोजन ग्रहण करें.
यहां पढ़िए गुरुवार की व्रत कथा…
एक राज्य में एक राजा रहा करता था। जिसके पास बहुत सारी दौलत और संपति थी. वह सदैव अपना धन अच्छे कार्यों और गरीबों की सेवा में लगाता था, लेकिन उसकी पत्नी को ऐसा करना पसंद नहीं था. वह काफी कंजूस प्रवृत्ति की महिला थी.
एक बार जब देव बृहस्पति रानी के पास साधु के भेष में भिक्षा मांगने आए, तब रानी ने उनसे कहा कि वह कुछ ऐसा उपाय बताएं, जिससे रानी के पास मौजूद सारा धन नष्ट हो जाए. उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह अपने पास धन की अधिकता से परेशान हो गई थी.
जिस कारण देव बृहस्पति ने उससे कहा कि तुम गुरुवार के दिन बाल धोना, घर की साफ सफाई करना. रानी ने गुरु देव बृहस्पति के कहेनुसार, जब ऐसा ही किया. तब धीरे धीरे राजा की सारी संपत्ति का नाश हो गया. देखते ही देखते राजा और रानी पूर्णतया गरीब हो गए.
फिर एक दिन जब राजा ने देव बृहस्पति का स्मरण किया और उनसे अपनी दुर्दशा से बाहर निकलने का उपाय पूछा, तब देव बृहस्पति ने राजा से कहा कि तुम 16 या 7 गुरुवार तक केले के पेड़ की पूजा करो. या तुम गुड़ और चने की दाल की पोटली बनाकर केले के पेड़ की जड़ में चढ़ा दो, ऐसा करने से तुम्हारी सारी धन संपदा वापिस आ जाएगी.
राजा ने देव बृहस्पति की आज्ञा का पालन किया, लेकिन फिर कुछ समय बाद राजा ऐसा विधि विधान से करना भूल गया. जिस कारण आगे चलकर उसकी संतान को कष्ट सहना पड़ा. इसलिए कहा जाता है कि गुरुवार के दिन देव बृहस्पति और भगवान हरि की पूर्ण विधि विधान से आराधना करनी चाहिए, तभी आपको पुण्य की प्राप्ति होती है.