Hanuman ji facts: किस वजह से हनुमानजी कहलाए चिरंजीवी? मिला अमर होने का वरदान
Hanuman ji fact: हिंदू धर्म में भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी को पूजने की परंपरा है. हनुमान जी को कलियुग के प्रमुख देवता के तौर पर पूजा जाता है. हनुमान जी को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को अमर होने का वरदान प्राप्त है? जिस वजह से ऐसी मान्यता है कि आज भी कलियुग में हनुमान जी जीवित है. हनुमान जी के अलावा हिंदू धर्म में 7 और लोग अमर माने जाते हैं. ऐसे में हमारे आज के लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि हनुमान जी के अमर होने का वरदान किसने दिया था? इसके साथ ही वजह से उन्हें चिरंजीवी कहा जाता है. तो चलिए जानते हैं…
हनुमान जी कैसे हुए अमर?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी मान्यता है जब भगवान श्रीराम ने सीता माता का हाल-चाल लेने के लिए हनुमान जी को लंका भेजा था. तब बजरंगबली ने लंका पहुंचकर माता सीता को भगवान श्रीराम के बारे में बताया था. साथ ही भगवान श्रीराम का संदेश माता सीता तक पहुंचाया था.
इसके बाद माता सीता ने अपनी अंगूठी हनुमान जी को भगवान श्रीराम को देने के लिए दे दी और हनुमान जी की भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उन्होंने ही हनुमान जी को अमर होने का वरदान दिया था. इसके अलावा मान्यता है कि धरती पर भगवान शिव के रूद्र अवतार के तौर पर हनुमान जी आज भी जीवित है.
कहा जाता है कि हनुमान जी आज भी गंधमादन पर्वत पर रहते हैं. जहां से वह कलियुग अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि हनुमानजी हर उस जगह पर मौजूद होते हैं जहां भगवान श्री राम का नाम बहुत ही श्रद्धा और भक्ति के साथ लिया जाता है.
इस प्रकार, हनुमान जी ने भगवान श्रीराम को प्रसन्न करके जहां स्वयं को देवता तुल्य स्थापित किया, तो वहीं माता सीता के वरदान की वजह से वह अजर अमर हो गए.
ये भी पढ़ें:- जब माता सीता ने उठा लिया था भोलेनाथ का धनुष, जानिए जनक पुत्री से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में…