Seeta Navami 2022: जब माता सीता ने उठा लिया था भोलेनाथ का धनुष, जानिए जनक पुत्री से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में…

 
Seeta Navami 2022: जब माता सीता ने उठा लिया था भोलेनाथ का धनुष, जानिए जनक पुत्री से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में…

Seeta Navami 2022: आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता माता के प्रकटोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. सीता माता भगवान श्री राम की पत्नी और राजा जनक की पुत्री थी.

जिनके जन्मदिवस को आज के दिन मनाया जाता है. इनके जन्म को लेकर कहा जाता है कि एक बार जब राजा जनक यज्ञ भूमि के लिए हल चला रहे थे, तब उन्हें वहां एक कन्या मिली.

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हल की नोंक को सीत कहते हैं, यही कारण है कि इनका नाम सीता पड़ा. आज सीता नवमी के अवसर पर हम आपने लेख के माध्यम से आपको सीता जी से कुछ अनोखे और अनसुने तथ्यों के बारे में बताएंगे,

जिनको जानकर आप भी माता सीता के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को प्रकट कर सकेंगे. तो चलिए जानते हैं…

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Seeta Navami 2022: जब माता सीता ने उठा लिया था भोलेनाथ का धनुष, जानिए जनक पुत्री से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में…
Seeta Navami 2022

माता सीता से जुड़े अनोखे तथ्य

माता सीता को वैदेही के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि राजा जनक का नाम विदेह भी था.

माता सीता के देव तुल्य कन्या होने का पता तब लगा, तब उन्होंने एक बार बचपन में खेलते हुए शिव जी का धनुष उठा लिया था.

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माता सीता का जन्म मंगलवार के दिन ही हुआ था.

हनुमान जी को सीता माता ने अमर और अजर होने का वरदान दिया था, क्योंकि हनुमान जी ने भगवान श्री राम की अंगूठी लाकर माता सीता को दे दी थी, जब वह रावण की कैद में थी.

माता सीता का विवाह 6 वर्ष की आयु में भगवान श्री राम से हो गया था. जिसका जिक्र रामचरितमानस में किया गया है.

Seeta Navami 2022: जब माता सीता ने उठा लिया था भोलेनाथ का धनुष, जानिए जनक पुत्री से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में…
Seeta navami 2022

मात्र 18 वर्ष की आयु में सीता माता अपने पति श्री राम के साथ वनवास चली गई थी.

लंका में अपहरण के दौरान सीता माता की केवल प्रति छाया मौजूद थी, जबकि असल में देवी सीता अग्नि देव के पास रहती थी.

देवी सीता लंका में करीब 435 दिनों तक रहीं, जहां उनकी उम्र 33 वर्ष हो गई थी.

लंका में रहने के दौरान माता सीता ना कुछ खाती थी और ना पीती थी, यही कारण था कि इंद्र देव ने उन्हें ऐसी खीर खिलाई थी. जिसके बाद उन्हें भूख प्यास नहीं लगती थी.

माता लक्ष्मी अपनी मृत्यु के बाद सशरीर अपने धाम वापिस लौट गई थी.

https://www.youtube.com/watch?v=6iAwhF_nCbI

सीता नवमी पर शुभ मुहूर्त

9 मई 2022 (सोमवार) शाम 06:32 मिनट आरंभ

10 मई 2022 (मंगलवार) शाम 07:24 मिनट तक समाप्ति

आज के दिन जो महिलाएं देवी सीता के व्रत का विधि विधान से पालन करती हैं, उनके सुहाग को दीर्घायु की प्राप्ति होती है. साथ ही कन्याओं की आज के दिन अच्छे वर की कामना पूर्ण होती है. सीता नवमी के दिन पूजा के दौरान राम दरबार की तस्वीर रखना आवश्यक है, वरना आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है.

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