Hindu Dharm Facts: दुनिया का सबसे प्राचीन धार्मिक शास्त्र है ये भारतीय वेद, बड़े-बड़े विद्वानों ने भी माना आश्चर्य....
Hindu Dharm Facts:- हिन्दू धर्म में चार वेद हैं, ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद. इन सभी वेदों में ऋग्वेद की रचना सबसे पहले हुई थी. मान्यता है कि ऋग्वेद से ही अन्य तीन वेदों की रचना की गई है.
आपको बता दें कि ऋग्वेद पद्यात्मक शैली में हैं, यजुर्वेद गद्यमय है, सामवेद गीतात्मक शैली में है और अथर्ववेद में मन्त्रों का संग्रह है. ऋग्वेद संसार का पहला वेद या धर्मग्रंथ है.
ऋग्वेद की प्राचीनता
ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 पांडुलिपियों को यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है. बताया जाता है कि सम्भवतः ऋग्वेद की रचना सप्त-सैंधव प्रदेश में हुई थी.
मान्यता है कि ऋग्वेद के मंत्रों, ऋचाओं की रचना किसी एक ऋषि ने नहीं की और न ही इसकी रचना किसी एक अवधि में कई गई है.
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आपको बता दें कि ऋग्वेद की रचना विभिन्न कालों में विभिन्न ऋषियों द्वारा की गई है. ऋग्वेद से हमें आर्यों की राजनीतिक प्रणाली व इतिहास की अनूठी जानकारी प्राप्त होती है.
ऋग्वेद में देवताओं के आह्वाहन के मंत्र, भौगोलिक स्थिति इत्यादि की भी जानकारी है. ऋग्वेद में चिकित्सा से सम्बंधित भी अनूठी जानकारी मिलती है,
जैसे जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन चिकित्सा. यही नहीं ऋग्वेद में च्यवनऋषि को फिर से युवा करने की कथा भी लिखी हुई है.
परिभाषा और परिचय
ऋग्वेद की परिभाषा है, ऋक यानी स्थित और ज्ञान. ऋग्वेद सबसे पहला वेद है और वह पद्यात्मक शैली में लिखा गया था.
ऋग्वेद का शाब्दिक अर्थ है कि इस ज्ञान जो ऋचाओं में बद्ध हो. ऋग्वेद में 10 मंडल अर्थात अध्याय हैं. जिसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें लगभग 11 हजार मन्त्रों का संग्रह है.